नोएडा में 28 अगस्त को सुपरटेक के ट्विन टावर धवस्त होने वाले हैं. लोगों के मन में उस प्रक्रिया को लेकर कई तरह के सवाल हैं. एक सवाल तो ये भी है कि क्या उस कार्रवाई का ट्रैफिक पर कोई असर पड़ेगा? क्या सुरक्षा को देखते हुए बड़े लेवल पर ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा? अब जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट करने की पूरी तैयारी कर ली है. जिस दिन ट्विन टावर को ध्वस्त किया जाएगा, तब कई रास्ते गूगल मैप पर बंद कर दिए जाएंगे, उन रास्तों पर ट्रैफिक की आवाजाही रुक जाएगी.
ट्रैफिक डायवर्जन की पूरी डिटेल
जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर यातायात डायवर्ट की जाएगी.
- नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को महामाया फ्लाई ओवर से सैक्टर 37 की ओर डायवर्ट किया जायेगा. यह यातायात सिटी सैन्टर, सैक्टर 71 होकर गन्तव्य की ओर जायेगा.
- नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को फिल्मसिटी फ्लाई ओवर से एलीवेटेड रोड की ओर डायवर्ट किया जायेगा. यह यातायात एलीवेटेड रोड होकर सैक्टर 60, सैक्टर 71 होकर गन्तव्य की ओर जायेगा.
- नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे व सर्विस रोड को फरीदाबाद फ्लाई ओवर से पहले सैक्टर 82 कट के सामने पूर्ण बन्द किया जायेगा. यह यातायात गेझा तिराहा, फेस-2 होकर गन्तव्य की ओर जायेगा.
- ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को परीचौक से सूरजपुर की ओर डायवर्ट किया जायेगा. यह यातायात सूरजपुर, यामाहा, फेस-2 अथवा बिसरख, किसान चौक होकर गन्तव्य की ओर जायेगा.
- यमुना एक्सप्रेस-वे/ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को यमुना एक्सप्रेस-वे के ऊपर जीरो प्वाईंट से परीचौक की ओर डायवर्ट किया जायेगा. यह यातायात परीचौक, सूरजपुर, यामाहा, फेस-2 अथवा बिसरख, किसान चौक होकर गन्तव्य की ओर जायेगा.
- यमुना एक्सप्रेस-वे/ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली की ओर जाने वाले यातायात को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे व सर्विस रोड सैक्टर 132 के सामने पूर्ण बन्द किया जायेगा. यह यातायात सैक्टर 132 के अन्दर से होकर पुस्ता रोड से गन्तव्य की ओर जायेगा.
इसी तरह एटीएस तिराहा से गेझा फल/सब्जी मण्डी तिराहा तक मार्ग, एल्डिको चौक से सैक्टर 108 की ओर डबल मार्ग व सर्विस रोड, सैक्टर 128 से श्रमिक कुंज चौक तक फरीदाबाद फ्लाई ओवर, श्रमिक कुंज चौक से सैक्टर 92 रतिराम चौक तक डबल मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्ट रहने वाला है. ये भी जानकारी मिली है कि सैक्टर 82, श्रमिक कुंज से फरीदाबाद फ्लाई ओवर का प्रयोग कर सैक्टर 132 की ओर जाने वाला यातायात को सैक्टर 108 यू-टर्न से सैक्टर 108, 105 की ओर डायवर्ट कर गन्तव्य को भेजा जायेगा.
इसके अलावा एनएसईजेड की ओर से एल्डिको चौक से सैक्टर 108 की ओर जाने वाले यातायात को एल्डिको चौक से पंचशील अण्डरपास की ओर डायवर्ट कर गन्तव्य की ओर भेजा जायेगा. वहीं एनएसईजेड, सैक्टर 83 की ओर से आकर सैक्टर 92 चौक से श्रमिक कुंज की ओर जाने वाले यातायात को एल्डिको चौक से पंचशील अण्डरपास की ओर डायवर्ट कर गन्तव्य को भेजा जायेगा. इसी तरह सैक्टर 105 की ओर से आकर श्रमिक कुंज सैक्टर 93 चौक से सैक्टर 92 की ओर जाने वाले यातायात को सैक्टर 108 चौक से गेझा तिराहा की ओर डायवर्ट कर गन्तव्य को भेजा जायेगा. वहीं यातायात असुविधा उत्पन्न होने पर यातायात हेल्प लाइन नम्बर 9971009001 पर सम्पर्क किया जा सकता है.
इमरजेंसी स्थिति में क्या प्लानिंग?
अब सामान्य वाहनों के लिए इस डायवर्जन का सख्ती से पालन किया जाएगा, लेकिन आपातकाल स्थिति के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेन्स, फायर सर्विस व अन्य इमरजेन्सी वाहनों के लिए कन्टीजेन्सी मार्ग सैक्टर 93 टावर से सैक्टर 92 रतिराम चौक या एल्डिको चौक से फेलिक्स अस्पताल सैक्टर 137 तक होगा. वैसे अब सावधानी बरतते हुए ट्रैफिक तो डायवर्ट किया गया है, लेकिन फिर भी इस प्रक्रिया की वजह से दूसरी चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं. ऐसी ही एक समस्या ध्वनि प्रदूषण की भी है.
जमींदोज के बाद क्या चुनौतियां?
उत्तर प्रदेश पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए 4 मशीने लगाई हैं. उत्तर प्रदेश पलूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफीसर प्रवीन कुमार ने कहा कि चूंकि डिमोलिशन के वक्त 300 मीटर के दायरें में कोई नही रहेगा लिहाजा इसका प्रभाव कम ही होगा. लेकिन धूल कितनी उठेगी और कितना ऊंचाई तक जाएगी इसे बारे में ठीक-ठीक नही बता सकते. वहीं वायु प्रदूषण से निपटने की भी तैयारी की जा रही है.
एक्सपर्ट का कहना है कि पीएम 10 कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास होता है. इसमें धूल, गर्दा और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं. पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ता है. 10 एंटी स्माग गन लगाई गई है. पानी का छिड़काव कर धूल के कणों को हवा से नीचे गिराया जाएगा ताकि हवा में तैरकर वो लोगो को कम नुकसान करे. मलबे से पीएम 2.5 कण अपेक्षाकृत कम निकलने की संभावना है. एयर क्वालिटी नापने के लिए 6 स्टेशन बनाए गए हैं.