सुपरटेक बिल्डर के नोएडा स्थित ट्विन टावर को गिराने का काम आखिरकर शुरू हो गया. मंगलवार को 200 मजदूरों और इंजीनियरों की टीम ट्विन टावर पहुंची और हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया.
इंजीनियर सबसे पहले ग्रिल, खिड़की और ईंटे निकलवा रहे हैं. इन्हें निकालने का काम इसलिए हो रहा है ताकि बिल्डिंग ब्लास्ट करने पर लोहे और लकड़ी की चीजें कहीं गिरकर खतरे का कारण ना बनें. यह काम पूरा होने के बाद बिल्डिंग को ब्लास्ट से उड़ाने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी.
32 मंजिला इमारत तोड़ने का काम मुंबई की एडिफिस एजेंसी को दिया गया है. कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की कंपनी डेमोलिशन एजेंसी को इस काम के लिए अपना सहयोगी बनाया है. तोड़फोड़ शुरू करने से 2 दिन पहले ही कंपनी ने ट्विन टावर में अपनी मशीनें भेज दी थीं. बताया जा रहा है कि अगले 2 दिनों में एजेंसी, अथॉरिटी को ब्लास्ट का डिजाइन देगी. दोनों टावरों को 22 मई तक ढहाया जाना प्रस्तावित है.
नोएडा अथॉरिटी ने तोड़फोड़ से पहले ही ट्विन टावर के सामने बोर्ड लगा दिया था. इसमें साफ लिखा है कि किस कंपनी को टावर को गिराने का ठेका दिया गया है. काम पूरा करने के लिए लिए कंपनी को सभी एनओसी मिल चुकी हैं. पूरी कार्रवाई में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.
22 मई को पूरी नहीं हुई प्रक्रिया तो मिलेगा 1 हफ्ते का समय
सुपरटेक इमारत को गिरा रही एडिफिस कंपनी पहले भी कई बहुमंजिला इमारत ढहाया चुकी है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा, जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा. वैसे बिल्डिंग को 22 मई तक विस्फोट के गिराया जाना है, लेकिन कोई बाधा आने पर जमींदोज की पूरी प्रक्रिया 22 मई के बाद 1 सप्ताह के अंदर पूरी कर ली जाएगी.
इस बहुमंजिला इमारत को विस्फोट से गिराया जाएगा. ऐसे में पास में दूसरी सोसायटी में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा रहा है. हालांकि, रहवासियों के साथ पिछली मीटिंग में डिमोलिशन कंपनी ने प्रेजेंटेशन देकर यह आश्वासन दिया था कि पास में रहने वाले लोगों को नुकसान नहीं होगा. फिर भी अथॉरिटी ने कहा है कि वो इस रेसिडेंशियल टावर का 100 करोड़ का बीमा करवाएंगी. बता दें कि जिस इमारत को गिराया जा रहा है, उसे नियमों के खिलाफ पर्यावरण को ताक पर रखकर बनाए जाने का आरोप है.