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गोरखपुर से लापता हुई नाबालिग का पता नहीं लगा पाई UP पुलिस, SC ने दिल्ली पुलिस को सौंपा केस

गोरखपुर की रहने वाली एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. महिला के मुताबिक, दो महीने पहले उसकी बेटी गोरखपुर से गायब हो गई थी, इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. महिला का कहना है कि गोरखपुर पुलिस ने FIR दर्ज की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया.

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सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर किया केस (File Photo)
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर किया केस (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गोरखपुर से गायब हुई नाबालिग का नहीं लगा पता
  • यूपी पुलिस की जांच से सुप्रीम कोर्ट नाखुश

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) से दो महीने पहले गायब हुई एक नाबालिग से जुड़े मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच से नाखुश दिखाई दी और इसी के साथ अब ये मामला दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है. 

दरअसल, गोरखपुर की रहने वाली एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. महिला के मुताबिक, दो महीने पहले उसकी बेटी गोरखपुर से गायब हो गई थी, इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. महिला का कहना है कि गोरखपुर पुलिस ने FIR दर्ज की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया.

महिला की ओर से चिंता व्यक्त की गई है कि उसकी बेटी को कहीं देह व्यापार में नहीं धकेल दिया गया हो. महिला की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से जवाब तलब किया, लेकिन पुलिस कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई. 

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस (UP Police) की लापरवाही को लेकर फटकार लगाई और तुरंत ही पूरा केस दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को खुद इस मामले को देखने को कहा है, यूपी पुलिस को जल्द ही केस की सारी जानकारी दिल्ली पुलिस को देनी होगी. 

दिल्ली में काम करती है लापता लड़की की मां

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ने इस मामले को दिल्ली पुलिस को सौंपा. दिल्ली में घरेलू नौकरानी का काम करने वाली याचिकाकर्ता के मुताबिक, दिल्ली का ही एक युवक संदिग्ध है जिसने उनकी बेटी का अपहरण किया है. महिला परिवार के साथ दक्षिण दिल्ली में रहती है.  

अपहरण का संदिग्ध लंबे समय से उसकी नाबालिग बेटी को बहलाने फुसलाने की कोशिश कर रहा था. इस बाबत उसने दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई.

याचिकाकर्ता महिला के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि बीती जुलाई में जब वह अपनी बेटियों के साथ गोरखपुर में अपने ससुराल वाले घर में थी, उसी दौरान सबसे बड़ी बेटी लापता हो गई. याचिका में यह भी कहा गया कि उसी दौरान लापता लड़की की छोटी बहन ने अपहरण के संदिग्ध और उसकी बहन के बीच फोन पर कुछ बातचीत भी सुनी थी. 

बातचीत से यह पता चला कि संदिग्ध उसे धमकी दे रहा था कि यदि वह दिल्ली में उसके फ्लैट पर नहीं आई तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे, इसी के बाद से लड़की लापता है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने यह भी कहा कि इस पूरी घटना की जानकारी लिखित रूप से गोरखपुर पुलिस को दी गई. लेकिन उन्होंने अब तक कोई कदम नहीं उठाया इसलिए मजबूरन उसे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी.

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मामले पर गोरखपुर पुलिस ने क्या कहा?

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन टांडा के मुताबिक, ये मामला दिल्ली के मालवीय नगर का है. वादी और प्रतिवादी दोनों ही दिल्ली मालवीय नगर के हैं. गोरखपुर में लड़की गायब हुई थी, उसके बाद यहां पर एक लड़के और तीन महिलाओं के खिलाफ केस लिखवाया गया है. पुलिस के मुताबिक, शादी के दो दिन बाद परिवार वापस दिल्ली गया और वहां पर भी केस किया. 

कोर्ट के आदेश पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि गोरखपुर पुलिस के लिए कुछ नेगेटिव नहीं लिखा गया है, बल्कि ये मामला दिल्ली में ट्रांसफर होगा और यूपी-गोरखपुर पुलिस इसमें मदद करेगी. 
 

 

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