सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने ये नोटिस मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने 3 हफ्ते में नोटिस पर जवाब मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि एमसीआई और केंद्र सरकार ने मनमाने तरीके से मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में मेडिकल कॉलेज की इजाजत को नामंजूर किया है. याचिका में दावा है कि नामंज़ूरी का जो आदेश पारित किया गया वह सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का भी उल्लंघन करता है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के 2 मई 2016 के आदेश का हवाला दिया.
ये था पुराना आदेश
पिछले साल 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था, उसमें संवैधानिक पीठ ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सारे काम-काज की देखरेख का ज़िम्मा जस्टिस आर एम लोढ़ा कमेटी को सौंप दिया था. इस ओवर साइट कमेटी को वह सारे अधिकार दे दिए गए थे जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास हैं.
याचिका में यह भी कहा गया है कि एमसीआई की टीम मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्शन के लिए शुक्रवार को जौहर यूनिवर्सिटी में आई थी, जिस दिन वहां छुट्टी होती है. आज़म खान और ट्रस्ट का आरोप है कि बिना ज़रूरी प्रक्रिया का पालन किए उनकी दरख्वास्त ठुकरा दी गई.
बता दें कि यूपी के रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को जौहर ट्रस्ट चलाता है. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष आज़म खान हैं. यूनिवर्सिटी ने 150 सीट का मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अर्ज़ी दी थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया था.