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92 साल के बुजुर्ग को SC ने सुनाया सरेंडर का फरमान, 36 साल पुराने ऑनर किलिंग मामले में दोषी

ऑनर किलिंग के मामले में उम्र कैद की सजा पाए 92 साल के एक दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हाइ कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार करते हुए बुजुर्ग को सरेंडर का आदेश दिया है.

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34 साल से हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई
34 साल से हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई

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ऑनर किलिंग के एक मामले में उम्र कैद की सजा पाए 92 साल के एक दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाइ कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए बुजुर्ग को सरेंडर का आदेश दिया है. यानी अब 92 साल की उम्र में दोषी को जेल जाना पड़ेगा.

34 साल से हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई
दरअसल पुत्ती नाम के दोषी ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश कि थी कि उसे जेल भेजे बगैर ही उसकी अपील पर सुनवाई की जाए. 36 साल पुराने इस ऑनर किलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को सरेंडर करने का आदेश सुनाया है. पिछले 34 साल से इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही थी. इस बीच दो अभियुक्तों की मौत हो गई और एक की उम्र 92 साल हो गई.

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SC ने राहत देने से किया इनकार
गौरतलब है कि 24 फरवरी 2016 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुत्ती की अपील खारिज करते हुए उसे समर्पण करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने जमानत रद्द करते हुए पुलिस को आदेश दिया कि दोषी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. इस फैसले के खिलाफ पुत्ती ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर मांग की थी कि उसे समर्पण करने से छूट मिले और उसकी अपील पर सुनवाई हो.

मामले में दो दोषियों की हो चुकी है मौत
उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले से ताल्लुक रखने वाले पुत्ती के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कई बार गुहार लगाई कि उम्र को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की अपील बिना समर्पण किए सुन ली जाए. वकीलों की दलील थी कि अभियुक्त 92 साल का है और इस हालत में नहीं है कि वह समर्पण कर सके या उसे जेल भेजा जाए. वहीं इस मामले के दो और दोषियों की मौत हो चुकी है.

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