सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लखीमपुर हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सभी गवाहों को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. होली की छुट्टी के बाद मामले की सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब 24 मार्च को होगी. लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.
याचिकाकर्ता की दलील- जमानत का आदेश गलत
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि आशीष को जमानत देने का हाईकोर्ट का आदेश अपराध की गंभीरता के हिसाब से गलत था. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लखीमपुर खीरी मामले में एक गवाह पर बीती रात हमला किया गया.
आशीष मिश्रा 4 महीने हिरासत में रहे, 10 फरवरी को मिली जमानत
लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहे थे. जमानत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह संभव है कि गाड़ी के ड्राइवर ने प्रदर्शनकारियों से खुद को बचाने के लिए रफ्तार बढ़ाने की कोशिश की हो.
8 लोगों की चली गई थी जान
तिकोनिया निघासन विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल तीन अक्टूबर को कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं.