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'UP में सब रामभरोसे' वाले फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, इलाहाबाद HC को दी नसीहत

सुप्रीम कोर्ट ने हर नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड होने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी हाई कोर्ट को अपने आदेश को लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करना चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'यूपी सरकार टिप्पणी को सलाह के तौर पर ले'
  • 'हर नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड के आदेश पर रोक'
  • हाई कोर्ट को व्यवहारिक आदेश देना चाहिए: SC

सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उत्तर प्रदेश में 'राम भरोसे' टिप्पणी वाले फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही यह भी कहा कि यूपी सरकार को इस टिप्पणी को विरोधी के तौर लेने के बजाए एक सलाह के तौर पर लेना चाहिए.

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देश की सबसे बड़ी अदालत ने साथ ही हाई कोर्ट को भी नसीहत दी. पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट कोविड प्रबंधन मामलों से निपटने के दौरान उन मुद्दों से बचें जिनका अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अखिल भारतीय मुद्दों से निपट रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने हर नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड होने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी हाई कोर्ट को अपने आदेश को लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करना चाहिए और उन आदेशों को पारित नहीं करना चाहिए जिन्हें लागू करना असंभव है.

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हाई कोर्ट ने पिछले दिनों अपने फैसले के दौरान कहा था कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है और इसमें सुधार की जरूरत है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि प्रदेश के सभी नर्सिंग होम के बेड में ऑक्सीजन की सुविधा होनी चाहिए. 

 

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