ताजमहल पर विज़न डॉक्यूमेंट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र और मोदी सरकार ताजमहल के आस-पास वातावरण को सुधारने के लिए विज़न डॉक्यूमेंट को पेश करने में फेल रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि आखिरकार ताज के आसपास होटल और चमड़े संबंधी यूनिट क्यों आ रही हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आगरा शहर में पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए 234 पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी और कहा कि यूपी पहले ये बताए कि अभी तक इलाके में कितने पेड़ लगाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने ताज के लिए विजन डाक्यूमेंट देने के लिए भी चार हफ्ते का वक्त दिया है, चार हफ्ते के बाद मामले की दोबारा सुनवाई की जाएगी.
बता दें कि इससे पहले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था योगी सरकार को कहा कि ऐसा विज़न डॉक्यूमेंट दे जिससे इमारत 100 सालों तक सुरक्षित रहे. सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कहा कि TTZ जो 6 जिलों में फैला हुआ है उसको संरक्षित करने के लिए विज़न डॉक्यूमेंट भी दे.
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कहा था कि आपको इमारत को 15 या 20 साल के लिए सुरक्षित नहीं करना बल्कि 300, 400 साल के लिए सुरक्षित करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एडहॉक प्लान से काम नहीं बनेगा. कोर्ट ने कहा कि जो पेड़ आप लगाते है उसमें से 75 फ़ीसदी मर जाते है, ऐसे में पेड़ लगाने का क्या फायदा.