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वाराणसी से पीएम मोदी के चुनाव के खिलाफ तेजबहादुर की याचिका पर SC का फैसला कल

चुनाव लड़ने में असफल रहे BSF के बर्खास्त जवान तेजबहादुर ने दोबारा चुनाव की मांग की थी.हाई कोर्ट ने तेजबहादुर की पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द करने मांग की याचिका खारिज कर चुका है जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

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पीएम मोदी.(फाइल फोटो)
पीएम मोदी.(फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 17 नवंबर को SC ने फैसला सुरक्षित किया था
  • हाई कोर्ट रद्द कर चुका है तेजबहादुर की याचिका

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन के खिलाफ बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 24 नवंबर यानी मंगलवार को फैसला सुनाएगा. सीजेआई एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच फैसला सुनाएगी. इस मामले में 17 नवंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

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चुनाव लड़ने में असफल रहे BSF के बर्खास्त जवान तेजबहादुर ने दोबारा चुनाव की मांग की थी.हाई कोर्ट ने तेजबहादुर की पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द करने मांग की याचिका खारिज कर चुका है जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट  ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि  तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे. इसलिए उनकी तरफ से इलेक्शन पीटिश दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं है. हाई कोर्ट के इस फैसले को तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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इससे पहले हाई कोर्ट ने माना था कि याचिका विचार करने योग्य ही नहीं है. कोर्ट का कहना था कि याचिकाकर्ता तेज बहादुर न ही वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के मतदाता हैं और न ही वे वाराणसी सीट से उम्मीदवार हैं, इसलिए उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का कोई अधिकार नहीं है. बता दें कि वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल करने वाले तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी.

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