scorecardresearch
 

मध्यस्थता की राह पर अयोध्या विवाद, SC के फैसले के 10 मायने

अयोध्या भूमि विवाद को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम कदम उठाया है. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मध्यस्थता कमेटी का गठन किया.

Advertisement
X
अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Advertisement

अयोध्या भूमि विवाद को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम कदम उठाया है. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मध्यस्थता कमेटी का गठन किया. कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह करेंगे. इसके अलावा इन कमेटी में श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल हैं.

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पूरी मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में होगी. इसकी कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी. मध्यस्थता की प्रक्रिया एक हफ्ते में शुरू हो जाना है. मध्यस्थता शुरू होने के चार हफ्ते बाद एक प्रगति रिपोर्ट सौंपी जाएगी. आठ हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया समाप्त होगी और फाइनल रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

1- राम मंदिर पर मध्यस्थता होगी.

2- सुप्रीम कोर्ट ने तय किए 3 मध्यस्थों के नाम.

Advertisement

3- श्रीश्री रविशंकर, जस्टिस खलीफुल्लाह, वकील श्रीराम पंचू होंगे मध्यस्थ.

4- 1 हफ्ते में मध्यस्थता शुरू.

5- चार हफ्ते के अंदर देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट.

6- 8 हफ्ते के अंदर मध्यस्थ देंगे अंतिम रिपोर्ट.

7- मध्यस्थता की प्रक्रिया को गुप्ता रखा जाएगा.

8- मध्यस्थता पर कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी.

9- फैजाबाद में बंद कमरे में होगी मध्यस्थता.

10- उत्तर प्रदेश सरकार करेगी सभी इंतजाम.

मध्यस्थता के 10 मायने-

1. सुप्रीम कोर्ट भी चाहती है सुलह से रास्ता निकले.

2. बातचीत से फॉर्मूला निकला तो विवाद जड़ से खत्म.

3. कोर्ट चाहती है फॉर्मूला पर बातचीत पूरी तरह गोपनीय रहे.

4. बातचीत की गोपनीयता से फॉर्मूले की अहमियत बनी रहेगी.

5. समय सीमा तय कर कोर्ट ने जता दिया है कि बातचीत तेजी से बढ़े.

6. लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या पर फैसला तकरीबन नामुमकिन.

7. 8 हफ्ते तक फाइनल रिपोर्ट यानी चुनाव तक फैसला की उम्मीद नहीं.

8. बीजेपी को ये बताने का मौका मिला कि कोर्ट भी बातचीत के पक्ष में.

9. चुनाव में बीजेपी कहेगी- स्थायी हल के लिए अदालती फैसला जरूरी.

10. लोकसभा चुनाव में अयोध्या पर गोलबंदी की संभावना तकरीबन खत्म.

पक्षकारों ने फैसले पर क्या कहा-

- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राम जन्मभूमि के पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से खुश हैं. सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि मामले में जल्द से जल्द फैसला आए. एक हफ्ते के अंदर नहीं, हम चाहते हैं कि आज से ही प्रक्रिया शुरू करो. मध्यस्थता कमेटी के सदस्यों पर टिप्पणी नहीं करूंगा.

Advertisement

- बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने मध्यस्थता का आदेश दिया तो हम इसमें पूरा सहयोग करेंगे. अगर मामला तय हो जाता है तो बेहतर है.

- हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि कोर्ट के निर्णय को स्वीकार करते हैं. श्रीश्री रविशंकर के नाम पर हमें कोई आपत्ति नहीं है. हमने मामले को सुलझाने की पहले भी कोशिश की थी.

- निर्मोही अखाड़ा के महंत सीताराम दास ने श्रीश्री रविशंकर के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि अब जब रविशंकर जी को कोर्ट ने पैनल में शामिल किया है तो हम चाहेंगे कि उन्हें संवैधानिक तरीके से मध्यस्थता करनी चाहिए. हम राजनीति से दूर रहना चाहते हैं.

- राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि इस मध्यस्थता कमेटी के सामने सभी पक्षकारों को सुना जाएगा. इसके बाद कोर्ट निर्णय लेगा. यह बहुत अच्छी बात है. यह जल्दी से जल्दी हो जाना चाहिए. इसको विलंब नहीं करना चाहिए. अब लग रहा है इस मामले का समाधान निकल आएगा.

- बाबरी एक्शन कमेटी के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि मध्यस्थता में हम सहयोग करेंगे. जो भी कुछ हमें कहना होगा, वह हम मध्यस्थता कमेटी के सामने ही कहेंगे. मीडिया में या बाहर कुछ नहीं कहेंगे.

Advertisement
Advertisement