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स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य दूर कर रहे हैं इस्लाम से जुड़े मिथक

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में इस्लाम पर एक सेमिनार के दौरान स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य पैगंबर मोहम्मद को शांति दूत बताया और उनके संदेशों का मतलब समझाया. इस्लाम और पैगंबर की चर्चा स्वामी के मुंह से सुनकर सभी को थोड़ी हैरत हुई.

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स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य
स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में इस्लाम पर एक सेमिनार के दौरान स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने पैगंबर मोहम्मद को शांति दूत बताया और उनके संदेशों का मतलब समझाया. इस्लाम और पैगंबर की चर्चा स्वामी के मुंह से सुनकर सभी को थोड़ी हैरत हुई.

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हिंदू-मुस्लिम जन एकता मंच के संस्थापक स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य इस्लाम को समझने के लिए 10 बार कुरान पढ़ चुके हैं और वो अपने इस ज्ञान से इस्लाम और मोहम्मद साहब से जुड़े मिथकों को दूर करने की कोशिश करते हैं.

शंकराचार्य अब इस्लाम का प्रचार कर रहे हैं, लेकिन एक समय में वह इसे आतंकवाद से जोड़कर देखते थे. यही नहीं, उन्होंने कुरान की कुछ सूराओं को हिंसा से भी जोड़ दिया था.

उन्होंने बताया कि जब वह अपनी दूसरी किताब 'इस्लाम के कारण खतरे में अमेरिका' पर काम कर रहे थे, तब इस्लाम को लेकर उनकी धारणाएं बदली. उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में पढ़ना शुरू किया, कुरान को बार-बार पढ़ा और जाना कि वह शांति के दूत थे.

उन्होंने बताया कि अपनी पहली किताब में उन्होंने कुरान की जिन सूराओं को आतंकवाद से जोड़ा था, उन्हें दोबारा पढ़ा और समझा कि उसमें आतंकवाद का कोई संदेश नहीं है.

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इन दिनों शंकराचार्य लोगों के बीच में जाकर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद से जुड़े मिथकों को दूर कर रहे हैं. वो कहते हैं, 'सभी धर्म के संदेश एक से हैं. ये हम लोग हैं जो अपने कर्मों से इन संदेश को खराब करते हैं.'

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