सहारनपुर में दो गुटों के बीच हिंसा के बाद शहर में तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा है. भारी पुलिस बल की मौजूदगी से शहर छावनी में तब्दील हो गया है. शहर के छह थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी है. सुरक्षाबलों ने शहर में रातभर फ्लैग मार्च किया. इसके बावजूद कुछ लोग देर रात हथियार लेकर निकल गए. धार्मिक स्थान की जमीन को लेकर शनिवार को दो गुटों के बीच भड़की हिंसा में 3 की मौत हो गई है जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सीएम अखिलेश यादव ने हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है.
घटना के मद्देनजर सहारनपुर में पीएसी की 8 कंपनियां और सीआरपीएफ की 10 कंपनियां भेजी गई हैं. प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात है. स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है. सुरक्षा पर चौकस नजर रखने के लिए लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है. घटना को देखते हुए वेस्टर्न यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है. तनाव को देखते हुए इलाके के सभी स्कूल और कॉलेज 30 जुलाई तक के लिए बंद कर दिए गए हैं.
सीएम अखिलेश यादव ने सहारनपुर में हुई घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दिए जाने की घोषणा की है. उन्होंने इस घटना को अत्यन्त दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस घटना में मरने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए उनके इलाज हेतु बेहतर प्रबन्ध किए जाने के निर्देश दिए हैं.
यादव ने कहा है कि हर हाल में सद्भाव और सौहार्द बनाए रखा जाए और शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले असमाजिक तत्वों को चिन्ह्ति कर, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि इस घटना के जिम्मेदार और दोषी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं.
सहारनपुर की डीएम संध्या तिवारी ने बताया कि फिलहाल सब कुछ काबू में है. हिंसा की कोई नई वारदात नहीं हुई है. अभी तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोपहर में एक 'पीस मीटिंग' होने जा रही है, जिसके बाद कर्फ्यू की स्थिति पर फैसला लिया जाएगा.