उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की एक स्थानीय अदालत ने करीब 11 साल पहले पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में शुक्रवार को दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई.
अदालत ने गुरुवार को ही दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार दे दिया था. इलाहाबाद के शंकरगढ़ कस्बे के रहने वाले एक समाचार पत्र (आज) के पत्रकार धीरेंद्र सिंह की 14 दिसम्बर 2000 को रंजिश के चलते वहीं के राम निरंजन कोल ने अपने साले वक्षराज के साथ मिलकर निर्मम हत्या कर दी थी.
दोनों ने शव को मध्य प्रदेश की सीमा में ले जाकर टुकड़ों में काटा और धड़ के हिस्से को खेत में गाड़ दिया, जबकि सिर को पालिथीन में लपेटकर रीवां स्थित बाणसागर तालाब में फेंक दिया था. पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह बाद कोल और वक्षराज को गिरफ्तार कर लिया था. तब से दोनों आरोपी जेल में थे.
करीब 11 सालों से अधिक समय तक चली सुवनाई के बाद शुक्रवार को इलाहाबाद के अपर सत्र न्यायाधीश मेहताब अहमद ने कोल और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई. दोनों के ऊपर अदालत ने दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
उधर, धीरेंद्र के परिजनों ने उम्रकैद की सजा को नाकाफी बताते हुए कहा कि इस निर्मम हत्याकांड के लिए कोल और वक्षराज को फांसी की सजा होनी चाहिए थी. वे निचली अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे.