सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम समाज को अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर 26 जनवरी को सांकेतिक शिलान्यास किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में अयोध्या के बहुचर्चित मंदिर-मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि परिसर को हिंदू पक्ष और मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि अयोध्या परिक्षेत्र में देने को कहा था. इसके बाद यूपी सरकार ने अयोध्या जिले के धन्नीपुर क्षेत्र में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को दी थी.
इसके बाद राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था, जबकि मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया था. इसमें अभी 9 सदस्य हैं, लेकिन आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाकर 15 की जाएगी. इसमें बाबरी मस्जिद मुकदमे से जुड़े कुछ पक्षकारों को भी जगह मिल सकती है. हालांकि ट्रस्ट के अनुसार सभी को विकासवादी सोच रखनी होगी.
शिलान्यास में क्या क्या होगा?
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने मस्जिद के लिए मिली भूमि का निरीक्षण पहले ही कर चुका है. अब 26 जनवरी को सबसे पहले ट्रस्ट के पदाधिकारी सुबह 8:30 बजे मस्जिद की जमीन पर ध्वजारोहण करेंगे. इसके बाद वृक्षारोपण कार्यक्रम होगा. इसमें ट्रस्ट के सभी नौ ट्रस्टी एक-एक फलदार और छायादार पौधे लगाएंगे, जबकि पर्यावरण के संरक्षण के मद्देनजर मस्जिद के लिए मिली भूमि पर अमेजन, ऑस्ट्रेलिया समेत विश्व के अन्य स्थानों से लाकर ऑक्सीजन देने वाले पेड़-पौधों को लगाया जाएगा.
मस्जिद निर्माण के लिए राम मंदिर की तर्ज पर भूमि की स्वाइल टेस्टिंग भी कराई जाएगी. इसके लिए 26 जनवरी को ही स्वाइल टेस्टिंग के लिए एक टीम अयोध्या के धन्नीपुर मस्जिद की भूमि पर पहुंचेगी और वहां की मिट्टी को परीक्षण के लिए ले जाएगी. ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन की मानें तो जब मस्जिद के नक्शे को स्वीकृति मिल जाएगी और स्वाइल टेस्टिंग की रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. मस्जिद के निर्माण के लिए ट्रस्ट के सदस्य अयोध्या विकास प्राधिकरण में जाकर नक्शा दाखिल करेंगे. जब तक नक्शा पास होगा तब तक मस्जिद की भूमि की स्वाइल टेस्टिंग रिपोर्ट भी आ जाएगी.
मस्जिद की भूमि में क्या-क्या बनेगा?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मस्जिद के लिए धन्नीपुर में मुस्लिम पक्ष को मिली जमीन में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन एक भव्य मस्जिद का निर्माण तो करेगा ही, इसी के साथ वहां पर 200 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण भी किया जाएगा. एक बड़ा म्यूजियम भी बनेगा और एक लाइब्रेरी भी स्थापित की जाएगी. यही नहीं एक इस्लामिक रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा.
इसके अलावा एक ऐसा कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा जिसके जरिए 1000 लोगों को रोज फ्री खाना उपलब्ध कराया जा सके. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि पांच एकड़ जमीन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने ऑर्डर दिया. इसे सरकार ने मुहैया कराया है. उसमें मस्जिद और हॉस्पिटल, एक इस्लामिक रिसर्च सेंटर, म्यूजियम, एक कम्यूनिटी सेंटर, किचन और लाइब्रेरी बनना तय है.
देखें: आजतक LIVE TV
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के 9 सदस्य हैं. वह उसके सचिव और प्रवक्ता भी हैं. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हिंदुस्तान का संविधान लागू हुआ था. संविधान में सबको बराबरी की हिस्सेदारी मिली है. उसे मानते हुए धन्नीपुर प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी. सुबह 8:30 बजे उसी जमीन पर झंडारोहण होगा और ट्रस्ट के नौ मेंबर अपना एक-एक पौधा लगाएंगे.
अतहर हुसैन ने बताया कि उस टीम का चयन भी हो गया है जो आकर भूमि की स्वाइल टेस्टिंग करेगी. पहले परिसर सम्मिलित होने में थोड़ा कंफ्यूजन था. अब उसे अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी कर रहा है. जो हमारे सलाहकार हैं उन्होंने दिल्ली में तैयारी की थी. अब हम विकास प्राधिकरण में ऑफलाइन नक्शा जमा करेंगे. हमारी कोशिश है कि उसकी हार्ड कॉपी आ जाए. हमारा नक्शा तैयार है. जैसे ही अप्रूवल मिल जाएंगे, स्वाइल टेस्टिंग होने के साथ ही मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.