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अक्षय तृतीया पर होने वालीं हजारों शादियां कैंसिल, शादी से जुड़े कारोबार को करोड़ों का झटका

इस बार कोरोना की विभीषिका ने 14 मई को पड़ने वाले पर्व अक्षय तृतीया पर काफी बुरा असर डाला है. इस बार तमाम ऐसे लोग हैं जो अक्षय तृतीया पर शादी करने वाले थे, उन्होंने अपनी शादियां टाल दी हैं.  

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना नियमों के बदलने से भय में हैं शादी करने वाले
  • कोरोना के कारण शादी में आने से बच रहे लोग
  • मेरठ में करीब 3 हजार शादियां कैंसल

सनातन हिंदू परंपरा में तीन ऐसे दिन हैं, जब किसी शुभ कार्य के लिए ज्योतिष या मुहूर्त का सहारा नहीं लिया जाता. ये दिन हैं- भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, विजय दशमी और अक्षय तृतीया पर्व. ये तीनों मुहूर्त ऐसे हैं जब आप कोई भी शुभ काम कर सकते हैं. लेकिन इस बार कोरोना की विभीषिका ने 14 मई को पड़ने वाले पर्व अक्षय तृतीया पर काफी बुरा असर डाला है. इस बार तमाम ऐसे लोग हैं जो अक्षय तृतीया पर शादी करने वाले थे, उन्होंने अपनी शादियां टाल दी हैं.  

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कोरोना ने हर तरह के कारोबार की भी कमर तोड़ दी है. इसके चलते बैंक्वेट हॉल मालिकों को भी तगड़ा झटका लगा है. इस बारे में हमने उत्तर प्रदेश के मेरठ, वाराणसी और गोरखपुर में पड़ताल की और पाया कि कोरोना के चलते तमाम शादियां जो पहले से तय थीं, वे टाल दी गई हैं और शादियों से जुड़े कारोबार को करोड़ों की चपत लगी है.  

मेरठ में करीब 3000 शादियां कैंसिल

यूपी के मेरठ में बैंक्वेट हॉल और शादियों के मंडप खाली पड़े हैं. अकेले मेरठ में करीब 3000 शादियां कैंसिल हो चुकी हैं. इसके चलते बैंक्वेट हॉल कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. मेरठ में तकरीबन 300 रजिस्टर्ड बैंक्वेट हॉल हैं और लगभग 500 ऐसे हैं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं. यहां अक्षय तृतीया के दिन इतनी शादियां हुआ करती थीं कि बैंक्वेट हॉल में शिफ्ट लगा करती थी. लेकिन इस बार कोरोना के चलते सैकड़ों शादियां रद्द कर दी गई हैं. 

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मेरठ में मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि अक्षय तृतीया पर शहर का हर रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, होटल आदि बुक थे. शादी समारोह के लिए टेंट की भी भारी बुकिंग की गई थी, लेकिन ताजा स्थिति ये है कि यहां अक्षय तृतीया पर होने वाली करीब 3000 शादियां लोगों ने टाल दी हैं, जिससे मंडप कारोबार उजड़ गया है.  

मनोज कुमार का कहना है कि एक बैंक्वेट हॉल में हर साल 50 से 60 शादियां होती हैं. अक्षय तृतीया पर किसी को भी मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं पड़ती. अगर किसी की शादी का मुहूर्त किसी भी तारीख का नहीं निकल रहा तो वह अक्षय तृतीया पर हो जाती थी. लेकिन पिछले डेढ़ साल से हालात बहुत बुरे चल रहे हैं. इस समय तो सब खुला हुआ भी है लेकिन सब बंद है, क्योंकि सरकार की तरफ से शादी में शामिल होने के लिए सिर्फ 50 आदमियों की परमिशन है और 50 आदमियों के लिए कोई बैंक्वेट हॉल नहीं होता.  

इस अप्रैल और मई में करीब 3000 शादियां कैंसिल हो गई हैं. मनोज का कहना है कि शादी कारोबार को देश में लगभग 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है. अक्षया तृतीया पर जिले के सभी मैरिज होम बुक थे लेकिन अब ज्यादातर बुकिंग रद्द हो चुकी है. अब लोगों ने नवंबर-दिसंबर के लिए मुहूर्त दिखवाने शुरू कर दिए हैं.  

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वाराणसी में भी सैकड़ों शादियां टलीं  

इस बारे में वाराणसी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि अक्षय तृतीया पर्व के साथ यह मान्यता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय पुण्य प्रदान करता है. इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रहों का संयोग और ज्यादा अच्छा है. इस दिन कन्यादान का भी फल अद्भुत होता है. अक्षय तृतीया पर बिना मुहूर्त वाले लोग भी विवाह कर सकते हैं. इस दिन भवन का शिलान्यास, गृह प्रवेश, फर्म का शुभारंभ, अनुबंध और निर्माण कार्य का प्रारंभ भी शुभ माना जाता है.  

लेकिन कोरोना वायरस से फैली महामारी ने अक्षय तृतीया पर भी बुरा प्रभाव डाला है. वाराणसी में हर वर्ष अक्षय तृतीया पर 400 से 500 शादियां होती थीं, लेकिन बीमारी के कारण डरे लोगों ने सभी शादियां टाल दी हैं. अब लोग नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी के मुर्हूत निकलवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से विवाह या मांगलिक कार्य को लेकर कोई स्पष्ट दिशानिर्देश न होने सेभी लोगों में भ्रम की स्थिति है.  

जितनी बुकिंग थीं, सब कैंसिल हो गई  

गोरखपुर के एक गांव में शादी कराने आए पंडित जी ने बताया कि इस बार इलाके में मेरी जानकारी में 20 शादियां थीं, जिनमें से 18 कैंसिल हो चुकी हैं और मात्र 2 शादियां हो रही हैं. इसमें भी शामिल लोगों की संख्या बहुत कम रखी जा रही है.

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एक मैरिज हाउस के मालिक ने बताया कि जितनी बुकिंग थी, सभी कैंसिल हो गईं. 14 और 15 मई को बुकिंग थी, शादी होने वाली थी, लेकिन अब उसे परिवारों ने कैंसिल कर दिया है. ज्यादातर लोग सीमित संख्या के नियम के कारण घर में ही शादी कर रहे हैं. ज्यादातर शादियां स्थगित कर दी गई हैं और लोग अच्छे समय का इंतजार कर रहे हैं.

एक फ्लावर डेकोरेशन करने वाले ने बताया कि इस बार धंधा हर बार की तरह नहीं है. पहले एक दिन में 5 से 6 गाड़ियां लाइन में लगी रहती थीं लेकिन इस बार एक ही मिल जाए तो बहुत है.  

इस दौरान हम एक शादी में पहुंचे जहां बारात निकलने वाली थी. वहां बैंड पार्टी वाले बैंड तो बजा रहे थे लेकिन घर से बाहर तक कोई आदमी नजर नहीं आ रहा था. चारों तरफ सजावट थी लेकिन लोग नहीं थे. दूल्हे ने बताया कि परिवार को छोड़कर कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं है और हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी नियमों का पालन कर रहे हैं.

 

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