बेनी प्रसाद बर्मा ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव से अपने जान को खतरा बताया है. बेनी ने कहा है कि वे कांग्रेस के अकेले नेता हैं जो मुलायम के खिलाफ बोल रहे हैं, इस वजह से उनके जान को खतरा है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तर प्रदेश जल रहा है. भाजपा और सपा ने हाथ मिला लिया है. केंद्र क्या कर रहा है? मुलायम सिंह यादव किसी भी वक्त मेरी हत्या करा सकते हैं. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मेरे सिवाय कांग्रेस का कोई नेता नहीं बोल रहा है.’
मुलायम के पूर्व मित्र और साथी रह चुके वर्मा उन पर पिछले कुछ महीने से हमला बोल रहे हैं और कांग्रेस को परेशानी में डाल रहे हैं. उन्होंने इससे पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि सपा प्रमुख प्रधानमंत्री के आवास में झाड़ू लगाने के लायक भी नहीं है. इस पर पार्टी ने उन्हें फटकार भी लगाई थी.
वर्मा ने कहा, ‘सपा कांग्रेस के साथ सहज नहीं है, अगर भाजपा केंद्र में आ जाती है तो सपा को कोई समस्या नहीं होगी और मुलायम लखनऊ में बने रहेंगे. सपा चाहती है कि भाजपा केंद्र में सरकार बनाए.’ वर्मा ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री तथा राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद की किस्मत के बारे में चिंता किए बिना राजनीति को अपराध मुक्त बनाने के लिए कदम उठाए हैं.
मुलायम और भाजपा की साठगांठ के बिना हिंसा संभव नहीं
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जल रहा है. भाजपा और सपा ने हाथ मिला लिया है. वर्मा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कुछ कांग्रेसी नेताओं को भी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने फिक्स कर लिया है, लेकिन उन्होंने किसी का भी नाम लेने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए अन्यथा उत्तर प्रदेश नष्ट होता है तो कांग्रेस इससे नहीं बच सकती.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अब मेरठ में भाजपा और सपा का संयुक्त प्रायोजित अभियान चल रहा है.
वर्मा ने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह और भाजपा की साठगांठ के बिना हिंसा संभव नहीं है. लोगों को उकसाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात से लोगों को लाया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह ने इससे पहले बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से साठगांठ की थी और गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत में मदद की थी.
उन्होंने कहा कि सपा ने गुजरात में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे थे, ताकि धर्मनिरपेक्ष मतों का विभाजन हो और चुनाव जीतने में मोदी की मदद की जा सके.