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बाघिन से बचने के लिए ग्रामीण भगवान की शरण में

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में पिछले दो माह से एक-एक करके लोगों को अपना शिकार बना रही बाघिन को पकड़ने और मारने में वन विभाग के पूरी तरह से विफल रहने के बाद अब बिजनौर के ग्रामीणों ने जान की सलामती के लिए भगवान की शरण ली है.

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में पिछले दो माह से एक-एक करके लोगों को अपना शिकार बना रही बाघिन को पकड़ने और मारने में वन विभाग के पूरी तरह से विफल रहने के बाद अब बिजनौर के ग्रामीणों ने जान की सलामती के लिए भगवान की शरण ली है.

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पिछले 26 दिसंबर को संभल जिले में पहली बार देखी गई बाघिन मुरादाबाद में चार लोगों और बिजनौर जिले में पांच लोगों की जान ले चुकी है. फिलहाल वह बिजनौर जिले के जंगलों में घूमती देखी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आदमखोर घोषित की जा चुकी इस बाघिन के आतंक से ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं और खेतों में काम करने के लिए जाने और अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं.

वन विभाग बाघिन को मारने के लिए दो महीने से लगातार 'कांबिंग ऑपरेशन' चला रहा है, लेकिन अब तक वन विभाग की गश्ती टीम के शिकारी बाघिन का सुराग भी पाने में सफल नहीं हुए हैं. वन विभाग के नकारेपन से पस्त हो चुके बिजनौर के ग्रामीणों ने अपनी जान की सलामती के लिए पूजा-पाठ, हवन और राम चरितमानस का पाठ शुरू कर दिया है.

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चक उदयचंदपुर ग्राम पंचायत में बाघिन के आतंक से निजात पाने के लिए के लिए शुक्रवार को गांव के बाहर देवी मंदिर पर 'राम चरित मानस' के पाठ का आयोजन किया गया. रामायण पाठ के शनिवार को समापन के बाद हवन और भंडारे का आयोजन किया गया.

चक उदयचंदपुर के ग्राम प्रधान फत्ते सिंह ने बताया, ‘वन विभाग की नाकामी के बाद अब हमें ईश्वर का ही सहारा बचा है. हम ग्रामीणों ने आपसी विचार-विमर्श करके तय किया कि इस आयोजन के जरिए हम भगवान तक अपनी फरियाद पहुंचाएंगे.’

ग्रामीण पशुपति शर्मा ने कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है कि भगवान हमारी रक्षा करेंगे और बाघिन हमारे क्षेत्र और जिले में कोई वारदात नहीं कर पाएगी.’

वन विभाग का तर्क है कि साहूवाला (बिजनौर)वन क्षेत्र से सटे गांवों में शिकार करने के बाद बाघिन उत्तराखंड सीमा में प्रवेश कर जाती है जिससे उसे पकड़ने या मारने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है.

मुरादाबाद मंडल के वन संरक्षक कमलेश कुमार ने कहा, ‘हमारी पूरी कोशिश है कि ग्रामीणों को बहुत जल्द बाघिन के खौफ से निजात दिलाई जाए. वन विभाग की 6-7 टीमें लगातार साहूवाला वन क्षेत्र में डेरा डालकर लगातार गश्त कर रही हैं.’

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