उत्तर प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर और फैजाबाद में हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं ने गंगा, यमुना और सरयू सहित विभिन्न नदियों में पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा-अर्चना की. इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम तट पर रविवार तड़के से ही जय गंगा मैया के जयघोष गूंजने लगे. दूर-दूर से आए श्रद्घालु संगम तट पर स्नान करने के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य कर रहे हैं.
कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष को पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है. पुरोहित देवी दयाल शास्त्री ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने से विशेष कर गंगास्नान करने से पिछले जीवन के पाप धुल जाते हैं और स्वास्थ्य एवं समृद्घि में वृद्घि होती है. उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गरीबों के बीच अन्न, वस्त्र, रुपये आदि दान करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है.
इलाहाबाद की तरह हजारों की संख्या में श्रद्घालु वाराणसी व कानपुर में गंगा तट पर और अयोध्या (फैजाबाद) में सरयू नदी के तट पर स्नान करने के बाद दान पुण्य कर रहे हैं. वाराणसी के दशाश्वमेधघाट पर गंगा स्नान के बाद नासिक से आए एक श्रद्घालु हर्षित कुमार ने कहा, ‘मैंने पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की. आज के दिन गंगा में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है.’
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) राज कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के मद्देनजर नदियों के घाटों और मेलास्थलों पर श्रद्घालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. विश्वकर्मा ने बताया कि एसटीएफ और एटीएस के अलावा घाटों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. सीसीटीवी कैमरों से भी भीड़ पर नजर रखी जा रही है.