योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट यानी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है. 16 नवंबर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां फर्राटा भरने लगेंगी. लेकिन राहत की बात यह है कि 340 किलोमीटर के इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा. दरअसल, ये टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. तब तक टोल नहीं लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की दरों के आसपास ही रखी जाएंगी.
आगरा और मेरठ एक्सप्रेसवे की तरह यहां भी एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है. आवारा पशुओं के लिए फेंसिंग और उनको एक्सप्रेस वे पर आने से रोकने के लिए बाकायदा टीमें तैनात की जाएंगी. एक्सप्रेस-वे पर दो एंबुलेंस के अलावा 20 पेट्रोलिंग वाहन भी तैनात रहेंगे.
इन शहरों से निकलेगा एक्सप्रेस वे
ये एक्सप्रेस वे जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर से होकर निकलेगा. सरकार का दावा है कि यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा.
एक अनुमान के मुताबिक, 340 किलोमीटर का पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा और इस एक्सप्रेस-वे के जरिए सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा. गौरतलब है कि मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस वे पर भी करीब 6 महीने तक टोल की व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर फ्री सेवा अब समाप्त होने वाली है. एनएचएआई की ओर से टोल कंपनी का चयन कर लिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि 15 नवंबर के आसपास टोल वसूली शुरू हो जाएगी. तब तक टोल की दरें भी तय हो जाएंगी.