आपको ये जानकर हैरानी होगी लेकिन, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में गोबर के उपले बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. 4 फरवरी को विश्वविद्यालय के सामाजिक संकाय विभाग के अंतर्गत आने वाले समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने छात्रों को उपले बनाने की ट्रेनिंग दी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ. वीडियो देखते ही लोग हैरत में पड़ गए कि यहां ऐसा भी कुछ हो सकता है क्या?
विश्वविद्यालय की तरफ से इसे लेकर एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई. प्रेस रिलीज में लिखा था कि समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा के द्वारा उपले बनाने की ट्रेनिंग विद्यार्थियों को दी गई. उपले बनाने में गाय का गोबर प्रयोग में लाया गया. इन उपलों का प्रयोग हवन, पूजन, एवं रसोई घर इत्यादि में किया जा सकता है. इस अवसर पर संकाय प्रमुख ने प्रशिक्षण उपरांत छात्रों से उपले बनवाए.
संकाय प्रमुख ने भारत सरकार से निवेदन किया है कि भारतीय नस्लों के गायों के पालन हेतु किसान भाइयों को आर्थिक सहायता तथा गाय आधारित उत्पादों के लिए उपयुक्त बाजार उपलब्ध कराएं. इससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो सकती है.
सामाजिक विज्ञान संकाय के समन्वित ग्रामीण विकास केन्द्र में छात्रों को गाय के गोबर की उपली या गोहरी बनाने की ट्रेनिंग के लिये वर्कशाप सम्पन्न हुआ @VCofficeBHU @VCofficeBHU @bhupro pic.twitter.com/JRSkP0PAST
— Koushal Kishor Mishra (@koushalbhu) February 4, 2022
इस अवसर पर डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने दो दिन पहले आयोजित कार्यशाला के दौरान छात्रों के द्वारा तैयार गौ आधारित उत्पादों से निर्मित जीवामृत, तकरासो, घन जीवामृत इत्यादि के बारे में संकाय प्रमुख को अवगत कराया. संकाय प्रमुख ने निर्देशित किया है कि एक स्टार्टअप के माध्यम से समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र के डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में कंपनी बनाकर गांव आधारित उत्पादों को बाजार में उतारा जाए.