लोकसभा में आज तीन तलाक बिल पर चर्चा होनी है, लेकिन चर्चा शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्टियों ने सदन में हंगामा कर दिया. केन्द्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि बिल इसी सत्र में पास होना चाहिए. बिल पर चर्चा होने से पहले राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल राष्ट्र के हित में है, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. तो वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रमुख जफरयाब जिलानी ने कहा कि पिछली बार जब इन्होंने बिल पेश किया था तभी हम लोगों ने अपील की थी कि इशका समर्थन ना करें और पास ना होने दें.
उन्होंने कहा कि ये एक गलत बिल है, हमने कई राज्यों के मुख्यमंत्री, नेताओं और विपक्षी दलों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में संशोधनों के बजाय सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए.
जफरयाब जिलानी ने कहा कि ये बिल पूरी तरह से वापस होना चाहिए, ये इस लायक नहीं है कि इसे पास किया जाए. इस बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है कि मुस्लिम औरतों के हक में हो. उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी, उनका स्टैंड आपको राज्यसभा में देखने को मिलेगा.
सपा बोली- जो जनता के हित में वही हमारा स्टैंड
तीन तलाक बिल को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि हमने सदन में अपना रुख साफ कर दिया है, पिछली बार जब चर्चा हुई थी तो हमने कुछ बातों पर आपत्ति जताई थी. जो जनता के हित में होगा, वही हमारा स्टैंड होगा.
आंध्र प्रदेश और राफेल के मुद्दे पर भी हंगामा
आपको बता दें कि लोकसभा में तीन तलाक पर चर्चा से पहले टीडीपी सांसदों ने आंध्र प्रदेश का विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया. तो वहीं राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने में लगी है.
'अपना वादा निभाए कांग्रेस'
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि इस बिल को काफी सुझावों के बाद लोकसभा में लाया गया है, जो भी सुझाव आए थे उनको जोड़ा गया है. कांग्रेस ने कहा था कि 27 दिसंबर को बिल पर चर्चा की जाए, हमें उम्मीद है कि कांग्रेस इस पर चर्चा करने देगी. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा कि कांग्रेस को अपना वादा निभाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यसभा में भी विपक्षी दल इस बिल को पास करने में सरकार का सहयोग करेंगे.