तीन तलाक मामले पर समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रियाज अहमद ने बेतुका बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोई मर्द अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लेता है ऐसे में दो ही विकल्प हैं या तो उनकी हत्या कर दी जाए या तीन तलाक दे दिया जाए. हत्या न हो इसलिए तीन तलाक दिया जाता है.
रियाज़ अहमद ने कहा कि अदालतों में सबसे ज्यादा केस तलाक के हिंदुओं के हैं. जबकि सबसे कम मुसलमानों के हैं. उन्होंने कहा कि भारत की अदालतों में मुस्लिम महिलाओं के तलाक के मामले 3.7 फीसदी हैं. वहीं, हिन्दू महिलाओं के तलाक के मामले 17.6 प्रतिशत हैं और ईसाइयों के 6 प्रतिशत हैं.
Shariat says Talaq should be given in three stages. Whereas,triple talaq has been kept as an option.For eg.,if you find your wife in a compromising situation with another man,what will you do? You will either kill her or give triple talaq to get rid of her: Riyaz Ahmed, SP leader pic.twitter.com/wHTvJMdtAT
— ANI UP (@ANINewsUP) July 23, 2018
उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग मुस्लिम महिलाओं के पिछड़ेपन की इतनी बड़ी शुभचिंतक है तो महिला आरक्षण बिल में मुस्लिम महिलाओं के लिए अलग से 8 फीसदी आरक्षण दे. बीजेपी सिर्फ राजनैतिक रोटियां सेंकने वोटों के ध्रुवीकरण करने के लिए तीन तलाक के मुद्दे को उठा रही है. बीजेपी का उसी तरह का दिखावा है जिस प्रकार से हाथी के दांत खाने के और हैं दिखाने के और हैं.
रियाज अहमद सपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं. अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं. पीलीभीत से पांच बार विधायक बन रह चुके हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी से हार गए हैं.