scorecardresearch
 

Twin Tower Demolition: ट्विन टावर से निकला 80 मीट्रिक टन मलबा, जानिए अब इसका क्या होगा

एक था ट्विन टावर... नोएडा का गगनचुंबी ट्विन टावर अब मलबे में तब्दील हो चुका है. ट्विन टावर ध्वस्त किए जाने के बाद इससे करीब 80 मीट्रिक टन मलबा निकला है. इस 80 टन मलबे का क्या होगा? इसे लेकर हर ओर चर्चा हो रही है. 80 में से करीब 50 टन मलबे से ट्विन टावर की साइट को ही भरे जाने की योजना है लेकिन बाकी 30 टन का क्या होगा?

Advertisement
X
ट्विन टॉवर (फाइल फोटो)
ट्विन टॉवर (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 28 अगस्त को नोएडा का ट्विन टावर गिरा दिया गया था. नोएडा का गगनचुंबी ट्विन टावर अब इतिहास बन चुका है लेकिन प्रशासन की टेंशन अभी कम होती नजर नहीं आ रही. प्रशासन के लिए अब ट्विन टावर का मलबा सिरदर्द बना हुआ है तो आम लोगों के लिए भी बड़ा सवाल, कि अब इसका क्या होगा.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम इसे गिराए जाने के तकरीबन एक हफ्ते बाद शुरू हो पाएगा. सबसे पहले मलबे को अलग-अलग किया जाएगा और उसके बाद इसको सी एंड डी वेस्ट प्लांट भेज दिया जाएगा. ट्विन टावर गिराए जाने के बाद उससे निकले मलबे को कंस्ट्रक्शन एंड डिब्रिस वेस्ट प्लांट सेक्टर 80 भेजा जाएगा.

बताया जाता है कि सी एंड डी प्लांट ले जाए गए मलबे से ईट बनाई जाएगी. ये पूरी प्रक्रिया नोएडा अथॉरिटी की निगरानी में संपन्न होगी. सी एंड डी प्लांट की क्षमता हर रोज तीन सौ मीट्रिक टन की है. मलबे को निस्तारण के लिए वेस्ट प्लांट तक डंपर से लाया जाना है. सी एंड डी वेस्ट प्लांट में मलबे को रिसाइकल कर उससे सीमेंट और टाइल्स बनाई जाएंगी.

कहा ये जा रहा है कि करीब 20 डंपर हर रोज मलबा लेकर सी एंड डी वेस्ट प्लांट जाएंगे. नोएडा विकास प्राधिकरण ने मलबे को निस्तारण के लिए सी एंड डी वेस्ट प्लांट ले जाए जाने की हरी झंडी दे दी है. अधिकारियों की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि तीन महीने के भीतर ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण कर दिया जाएगा.

Advertisement

एडिफिस इंजीनियरिंग ही करेगा निस्तारण 

ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद निकले मलबे का निस्तारण एडिफिस इंजीनियरिंग ही करेगा. एडिफ इंजीनियरिंग ही मलबे को रिसाइकिल करेगा. सी एंड डी मलबे के निस्तारण के लिए एग्रीमेंट किया गया था. सुपरटेक को ही मलबे के निस्तारण की जिम्मेदारी दी गई थी. सुपरटेक की तरफ से ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाली कंपनी ही मलबे का निस्तारण करेगी. 

एडिफिस इंजीनियरिंग ने इसे लेकर ध्वस्तीकरण के पहले प्राधिकरण के साथ बैठक कर प्रस्ताव रखा था. एडिफिस इंजीनियरिंग ने नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ बैठक में ये प्रस्ताव रखा था कि उनकी ओर से लगभग 28000 मीट्रिक टन मलबा मानकों के अनुरूप प्राधिकरण के सेक्टर 80 स्थित सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में साइंटिफिक तरीके से निस्तारण के लिए पहुंचाया जाएगा.

कंपनी का ये भी कहना है कि लगभग 80 हजार मीट्रिक टन मलबा निकला है जिसमें से लगभग 50 हजार मीट्रिक टन मलबे से ट्विन टावर की साइट को भरा जाएगा. शेष 30 हजार मीट्रिक टन में से 28 मीट्रिक टन मलबा सी एंड डी वेस्ट प्लांट ले जाकर निस्तारित किया जाना है. गौरतलब है कि ट्विन टावर को गिराने में करीब 15 करोड़ का खर्च आया है.

 

Advertisement
Advertisement