उत्तर प्रदेश में तैनात रहे दो आईपीएस अफसरों पर सरकार की जांच की गाज गिरी है. भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है.
इस मामले में करीब 6 महीने तक चली विजिलेंस जांच में दोनों अधिकारियों पर लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया गया है. विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद यूपी की योगी सरकार सख्त एक्शन का फैसला ले सकती है.
दरअसल, नोएडा के तात्कालीन एसएसपी वैभव कृष्णा ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश साहा और हिमांशु कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे.
इस मामले में शासन स्तर से जब जांच शुरू की गई तो तीन आईपीएस अधिकारियों सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण और गणेश साहा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए थे. लेकिन बाद में शुरू हुई विजिलेंस जांच के दौरान अजय पाल और हिमांशु की कई बेनामी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी मिली. इसके बाद विजिलेंस विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है. आरोपी आईपीएस अधिकारी अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं.