लखनऊ में ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इसके चलते रविवार को दो अन्य लोगों की मौत हो गई, जबकि एक की मौत अभी लोहिया में एक दिन पहले हुई थी. जानकारी के मुताबिक गोंडा में पावर कॉर्पोरेशन में काम करने वाले अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार की कोरोना पॉजिटिव होने पर लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. हालांकि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. लेकिन इसके बाद भी उनको ब्लैक फंगस ने घेर लिया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
ठीक उसी तरीके से गोरखपुर के रहने वाले 54 साल के मरीज को 14 मई को शिप्स हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था जहां ब्लैक फंगस घातक बीमारी, मरीज के दिमाग तक पहुंच गया था. इसके बाद उनकी अचानक मौत हो गई. जबकि 2 अन्य मरीजो की हालत गंभीर बनी हुई है.
मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर राज मिश्र के मुताबिक, फंगस दिमाग तक जाकर अटैक किया, जिसके बाद हमने मरीज को बचाने कोशिश की लेकिन नहीं बचा सके. अस्पताल में 6 मरीज हैं. अबतक 2 एडमिट मरीज की मौत हुई है, बाकी का इलाज किया जा रहा है.
कोरोना से तबाही के बीच म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है, जो कि मुख्यतौर पर महाराष्ट्र में कई मरीजों में देखे गए हैं.
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हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि जागरूकता और शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इसके खतरे से बचा जा सकता है.
क्या है म्यूकरमाइकोसिस- म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है. कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है.
किन लोगों को खतरा- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है. अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना, किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी (गंभीर फंगल इंफेक्शन का इलाज) के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है.