देश आज शहीद भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु को उनके बलिदान दिवस पर याद कर रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में इन शहीदों का एक ऐसा दीवाना है जो तीनों को भगवान मानकर उनकी पूजा करता है.
आपने अभी तक देवी देवताओं ,नेताओं और अभिनेताओं के भक्त तो देखे होंगे लेकिन यह अपनी जान न्यौछावर करने वाले देशभक्त शहीदों का भक्त है. मुज़फ्फरनगर के कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले रोहन वर्मा देशी दवाइयां तैयार करके मरीजों का इलाज करते हैं. अब से 18-20 साल पहले उन्हें शहीद भगत सिंह सपने में आए तभी से उन्हें ऐसा लगने लगा कि कहीं न कहीं उनका भगत सिंह से कोई नाता जुड़ा हुआ है.
माता-पिता से बात की तो उन्हें पता चला कि उनके पूर्वज उसी गांव के थे जंहा भगत सिंह का जन्म हुआ. तभी से रोहन वर्मा ने भगत सिंह की तस्वीरों को जमा करना शुरू कर दिया. रोहन की पत्नी और बेटा भी उनकी इस आस्था में शामिल हो गए. परिवार के सभी सदस्य सुबह उठकर भगत सिंह की पूजा अर्चना करते है. रोहन वर्मा ने अपने 'भगवन भगत सिंह' को समर्पित करते हुए कई देशभक्ति गीत भी लिखे हैं. भगत सिंह की तस्वीरें जमा करने में उन्होंने कई हजार रुपये खर्च किए हैं.
इनकी इस महान देशभक्ति को देखकर इनके परिवार और मुज़फ्फरनगर के लोगों को गर्व महसूस होता है. रोहन वर्मा का कहना है कि संसार में 33 करोड़ देवी-देवता हैं लेकिन आजादी की लड़ाई में सबसे बड़ा योगदान भगत सिंह , राजगुरु सुखदेव जैसे युवाओं का रहा है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के लिए न्योछावर कर दी. वह कहते हैं, 'मैं और मेरा परिवार किसी देवी देवता की पूजा नहीं करते. हम किसी तीर्थ स्थान पर भी नहीं जाते. बस भगत सिंह की पूजा करते हैं. वही हमारे भगवान हैं.'