यूपी की राजनीति में चुनावी माहौल गरमाने के लिए रथ यात्रा का आजमाया हुआ नुस्खा लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अपनी आमद दर्ज कराने को तैयार है. सपा और बीजेपी जैसी पार्टियों ने अपने सियासी रथों को चुनावी मैदान में निकलने को हरी झंडी दिखा दी है.
सपा ने पिछड़ी जातियों के अपने वोट बैंक को सहेजने के लिए इसी महीने से एक बड़ा अभियान चलाने का फैसला किया है. इसके तहत 24 अक्टूबर से दो अलग-अलग रथ यात्राएं निकाली जाएंगी, जबकि 14 दिसंबर को लखनऊ में पिछड़ों की बड़ी रैली निकलेगी.
गुरुवार, 10 अक्टूबर को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने की. सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी बताते हैं कि 24 अक्टूबर को 17 पिछड़ी जातियों की अधिकार रथयात्रा और सामाजिक न्याय रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाकर लखनऊ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से रवाना किया जाएगा.
उधर अति पिछड़े वर्ग के लिए प्रदेश में शुरू घमासान में बीजेपी भी कूद पड़ी है. पार्टी के मछुआरा प्रकोष्ठ ने जनजागरण के लिए अगले महीने गाजीपुर से गाजियाबाद और बलिया से बुंदेलखंड सामाजिक न्याय रथ तथा एकलव्य चेतना रथ निकालने का निर्णय किया है. रथयात्राओं का समापन लखनऊ में सामाजिक न्याय रैली आयोजित करके किया जाएगा. इससे पहले मेरठ, बरेली, मिर्जापुर सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में अति पिछड़ा निषाद, बिंद, कश्यप सम्मेलन आयोजित होगा.