उन्नाव रेप केस की पीड़िता जिंदगी और मौत की जंग के बीच पल-पल संघर्ष कर रही है. पीड़िता को अब दो-दो मामलों में इंसाफ चाहिए. लेकिन उसके लिए इंसाफ की राह काफी दूर मालूम पड़ रही है. पीड़िता के साथ रेप की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन एक साल गुजर जाने के बाद भी इस मामले में अबतक बहस शुरू नहीं हो सकी है. कुलदीप सेंगर उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक हैं और इस वक्त जेल में बंद हैं.
इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक रायबरेली में दुर्घटना से कुछ दिन पहले ही पीड़िता ने सीबीआई से मांग की थी कि इस केस को दिल्ली में शिफ्ट किया जाए. तब अधिकारियों ने कहा था कि पीड़िता को इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए क्योंकि केस को शिफ्ट करना एक न्यायिक प्रक्रिया है. इस केस की जांच सीबीआई की लखनऊ शाखा कर रही है और दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच इसमें सीबीआई की मदद कर रही है.
बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल 12 अप्रैल को इस केस को अपने हाथ में लिया था और चार केस दर्ज किये थे. ये केस थे.
1- कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा नाबालिग पीड़िता पर सेक्सुअल एसॉल्ट
2-जेल में पीड़िता के पिता पर हमला, बाद में उनकी मौत
3-नाबालिग के साथ तीन व्यक्तियों द्वारा गैंगरेप
4-आरोपी विधायक के भाई द्वारा पीड़िता के रिश्तेदारों के पर मारपीट का आरोप
7 जुलाई और 11 जुलाई 2018 को इन केसों में सीबीआई ने दो चार्जशीट दाखिल की थी. पीड़िता के साथ हादसा 28 जुलाई 2019 को हुआ था, तबतक सीबीआई इसे केस में ट्रायल शुरू नहीं कर सकी थी.
पहले चार्जशीट में सीबीआई ने विधायक और एक महिला पर नाबालिग पर यौन शोषण और हमले का आरोप लगाया था. 11 जुलाई 2018 को दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने इन पर आपराधिक षडयंत्र, नाबालिग का अपहरण, रेप, आईपीसी की धाराओं के तहत धमकी का आरोप लगाया. आरोपियों पर POCSO कानून के तहत धाराएं लगाई गई.
7 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई के आरोपियों में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर शामिल थे. इन पर रेप पीड़िता के पिता की हत्या का आरोप लगाया गया था. सीबीआई के मुताबिक ये सभी लोग उन्नाव जिले के सराई ठोक माखी गांव के रहने वाले हैं.
इससे पहले 17 मई 2018 को सीबीआई ने माखी के एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया और सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद सिंह को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
क्या है उन्नाव रेप कांड
उन्नाव से बीजेपी एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर पर जून 2017 में एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया था. 3 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ. 5 अप्रैल 2018 को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 8 अगस्त 2018 को पीड़िता इंसाफ की मांग लेकर लखनऊ में सीएम आवास पहुंची, यहां पर पीड़िता ने खुद को आग लगाने की कोशिश की. अगले दिन यानी कि 9 अगस्त को जेल में गंभीर चोट की वजह से पीड़िता के पिता की मौत हो गई.
इस बीच एक दूसरे घटनाक्रम में अदालत के निर्देश पर दिसंबर 2018 में यूपी पुलिस ने पीड़िता, उसकी मां और उसके चाचा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. इनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने पीड़िता को गलत तरीके से नाबालिग पेश किया.