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उन्नाव गैंगरेप केस में योगी सरकार का पहला एक्शन, 7 पुलिसकर्मी निलंबित

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की जलने से हुई मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 7 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर किया है. निलम्बित पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-ANI)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-ANI)

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  • उन्नाव में 7 पुलिसकर्मियों का हुआ निलम्बन
  • पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की जलने से हुई मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 7 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है. पुलिस के मुताबिक इनका निलंबन उन्नाव के थाना बिहार में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने और अपराध नियंत्रण व अभियोगों से संबंधित घटित घटनाओं के प्रति लचर रवैया अपनाने के लिए किया गया है.

निलम्बन की चपेट में आने वालों में बिहार प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, प्रभारी बीट अरविन्द सिंह रघुवंशी,  श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार का नाम शामिल है.

दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया था, जिसके बाद गांव के बाहर रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों की मांग थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ उन्नाव में रेप पीड़िता के परिजनों से आकर मुलाकात करें. जब तक वे परिजनों से मुलाकात नहीं करते तब तक बेटी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. हालांकि नेताओं के समझाने के बात वे अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए थे.

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पीड़िता के पिता से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले के सिलसिले में वह अक्सर रायबरेली जाया करती थी. ज्यादातर मैं ही उसे बस स्टेशन तक छोड़ने के लिए जाया करता था. मुझे इस बात का खेद हमेशा रहेगा कि गुरुवार के रोज मैं उसके साथ नहीं जा सका.

गांव में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

ऐसा कहा जा रहा है कि पीड़िता की शादी मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी से अदालत में हुई थी, लेकिन सब टूट गया जब आरोपी ने ऐसा मानने से मना कर दिया. पीड़िता का घर मुख्य और अन्य आरोपियों के घर से करीब 600 मीटर की दूरी पर है. यहां भी भारी संख्या में पुलिस बलों की मौजूदगी है, लेकिन यहां कोई नहीं आ रहा है. आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है.

शीतकालीन सत्र में विधानसभा में उठेगा मुद्दा

उत्तर प्रदेश में पूरा विपक्ष 17 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्नाव मुद्दे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरेने की तैयारी कर रहा है. उन्नाव घटना में दुष्कर्म पीड़िता को आग लगा दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई. इस साल के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य का विपक्ष अपने को विधानसभा में एकजुट नहीं दिखा सका था, लेकिन उन्नाव की घटना एकजुटता लाती दिख रही है.

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समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने कहा कि हम सरकार को कटघरे में लाने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाएंगे. अगर अब नहीं तो कब? हमने अपने नेताओं से कह दिया है कि मतभेदों को दरकिनार करने का समय आ गया है और इस मुद्दे पर हमें जनता की भावनाओं को समझने की जरूरत है.

25 लाख की मदद देगी योगी सरकार

गौरतलब है कि पीड़िता के परिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है. साथ ही सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को एक घर और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने का आश्वासन दिया है.

वहीं उन्नाव गैंगरेप कांड को लेकर विपक्ष का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्ष ने यूपी में योगी सरकार की घेराबंदी की है और जल्द इंसाफ की मांग उठाई है. उन्नाव मामले में शनिवार को धरना दे रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई की गई.

(IANS इनपुट के साथ)

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