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मीडिया को आदेश, उन्नाव पीड़िता से जुड़े बयान की रिपोर्टिंग पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 45 दिन में पूरी करने के आदेश दिए हैं. इन मामलों की सुनवाई तीस हजारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा को सौंपी गई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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उन्नाव रेप केस मामले में सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा ने मीडिया को लेकर एक आदेश पारित किया. जज ने मीडिया को पीड़िता और उसके रिश्तेदारों से जुड़ी रिपोर्टिंग करने से मना किया है. इसके साथ ही पीड़िता की गवाही की रिपोर्टिंग करने से बचने के लिए कहा गया गया है.

जज ने सिर्फ पीटीआई को आदेश की प्रति रखने की अनुमति दी है. दरअसल, उन्नाव रेप मामले से जुड़े सभी केस सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 45 दिन में पूरी करने के आदेश दिए हैं. इन मामलों की सुनवाई तीस हजारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा को सौंपी गई है.

जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि कैमरे के बीच कार्रवाही पर वे बात करेंगे. हालांकि इस पर कब तक बात होगी, अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. कोर्ट ने इस बात के भी निर्देश दिए कि पीड़िता या उसके परिजनों से जुड़े ऑडियो-वीडियो मीडिया में नहीं चलाए जाएंगे क्योंकि इससे उनकी पहचान सार्वजनिक हो सकती है.

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आपको बता दें, उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उसके इलाज में जुटी हुई है. एम्स ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "सोमवार रात लड़की को लखनऊ से एम्स लाया गया. वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है."

बयान में कहा गया है कि पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह को भी मंगलवार दोपहर यहां भर्ती कराया गया. उनकी हालत भी बेहद गंभीर है. बयान में बताया गया है, "उन्हें दिमाग में कई गंभीर चोटें आई हैं. इसके अलावा उन्हें कई फ्रैक्चर हैं. वर्तमान में उनकी हालत गंभीर है, वे बेहोश हैं और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं."

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