उन्नाव रेप केस को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मायावती ने कहा, 'उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों की संदिग्ध हत्या के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए चाचा को परोल पर रिहा नहीं होने देना अति-अमानवीय है, जो यूपी सरकार की इस कांड में मिलीभगत को साबित करता है. परोल की मांग को लेकर रिश्तेदार मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठे हैं, सरकार तुरंत ध्यान दे.'
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा, 'साथ ही स्थानीय बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में रेप आरोपी बीजेपी विधायक से मिलना यह प्रमाणित करता है कि गैंगरेप आरोपियों को लगातार सत्ताधारी बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है, जो इंसाफ का गला घोंटने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए.'
गौरतलब है कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की सड़क दुर्घटना के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. दुर्घटना में पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे और पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई. दुर्घटना में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पीड़िता की कार की टक्कर जिस ट्रक से हुई थी, वह ट्रप एक समाजवादी पार्टी (सपा) नेता का है.
संयोग से दुर्घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग करने वाली पहली पार्टी अखिलेश यादव की अगुआई वाली सपा ही है. प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का औपचारिक निवेदन सोमवार रात केंद्र के पास भेज दिया गया है. उन्होंने कहा, "सरकार ने अपराध मामला संख्या 305/2019 यू/एस 302/307/506/120बी आईपीसी गुरबख्सगंज जिला रायबरेली की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है. इस संबंध में केंद्र सरकार को औपचारिक निवेदन भेज दिया गया है."