उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात लोगों पर सजा का ऐलान आज होगा. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. इससे पहले गुरुवार को कोर्ट में सजा पर बहस हुई. बहस के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर ने खुद को बेगुनाह बताया था.
दोषी कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा था कि मुझे फंसाया गया. अधिकारियों को मैंने फोन मिलाया और कहा कि जांच करे. मुझे इस घटना के बारे में जानकारी ही नहीं थी. इस पर जज ने कहा था कि आपको ऐसे कामों से पहले सोचना चाहिए कि इसके बाद आपके परिवार का क्या होगा. घटना के बाद आप अधिकारियों से बात कर रहे थे. दबाव बना रहे थे. उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की मौत 9 अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हो गई थी.
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क्या है मामला
जुलाई 2018 में दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, पीड़िता के पिता अपने एक साथी के साथ गांव लौट रहे थे, और उसी दौरान शशि प्रताप सिंह नामक एक व्यक्ति ने उनसे लिफ्ट मांगा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया. इसके बाद सिंह ने अपने साथियों को बुलाया, जिनमें सेंगर का भाई अतुल भी था. इन लोगों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा. इसके बाद गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस स्टेशन ले जाया गया और दो दिन बाद पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई.
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कौन दोषी, कौन बरी
इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 11 आरोपियों में से 4 को बरी कर दिया था, जबकि 7 लोग दोषी करार दिए गए थे. कुलदीप सिंह सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को दोषी करार दिया गया, जबकि शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, कॉन्स्टेबल अमीर खान और शरदवीर सिंह को बरी किया गया था.
रेप केस में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद
इससे पहले रेप के आरोप में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना था और 20 दिसंबर 2019 सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था.