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यूपी: कानपुर में जीका वायरस का कहर, एक साथ 14 मरीज मिलने से हड़कंप, प्रेग्नेंट महिला भी संक्रमित

उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस के एक साथ 14 मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है. शहर में अब जीका से संक्रमित 25 मरीज हो चुके हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कानपुर में जीका के अब तक 25 केस मिले
  • काशीराम अस्पताल में बनाया गया अलग वार्ड

उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस के एक साथ 14 मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है. शहर में अब जीका से संक्रमित 25 मरीज हो चुके हैं. उधर, एक साथ इतने केस मिलने पर डीएम ने सीएमओ समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है. 

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कानपुर में जीका वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे पहले 1 नवंबर को यहां 6 केस मिले थे. कानपुर के चकेरी क्षेत्र में ये मामले सामने आए थे. इन 6 मरीजों में से चार महिलाएं जीका का शिकार हुई हैं.  

मच्छरों से फैलता है जीका
जीका एक मच्छर से फैलने वाला वायरस है जो एडीज एजिप्टी नाम की प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. WHO के मुताबिक, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं. ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया फैलाता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खासतौर से भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है.

जीका वायरस के कई लक्ष्ण डेंगू जैसे ही रहते हैं, लेकिन ये ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता है. बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द कुछ कॉमन लक्षण हैं जो जीका वायरस से संक्रमित इंसान में देखे जा सकते हैं.

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अस्पताल में अलग वार्ड बनाया गया
जीका के तेजी से बढ़ते मामलों को तेजी हुए प्रशासन भी एक्शन में आ गया है. मरीजों का इलाज काशीराम अस्पताल में कराया जा रहा है. यहां जीका के लिए अलग वार्ड बनाया गया है. इसके अलावा प्रशासन जीका को फैलने से रोकने के लिए तमाम बड़े कदम उठा रहा है.

इस साल जीका वायरस का पहला केस केरल में जुलाई में मिला था. यहां तिरुवनंतपुरम की रहने वाली 24 वर्षीय प्रेग्नेंट महिला इससे संक्रमित पाई गई थी. इसके बाद केरल और महाराष्ट्र में जीका के कई केस सामने आए थे.  

जीका वायरस की पहचान कब हुई?
1947 में जीका वायरस की पहचान सबसे पहले युगांडा में बंदरों में की गई थी. बाद में यह युगांडा और तंजानिया में इंसानों में पाया गया. इसके बाद ये अफ्रीका, अमेरिका, एशिया में भी देखने को मिला. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक 86 देशों में मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. 
 

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