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यूपी: देवरिया के दो गांव में 15 दिन के भीतर 32 मौतें, कोरोना के डर से सहमे लोग

देवरिया के भागलपुर ब्लॉक के अंडीला गांव में 15 दिन के भीतर 20 मौतें हुईं हैं. लेकिन गांव के अंदर कोई जांच टीम अभी तक नही पहुंची. वहीं रुद्रपुर तहसील के कोडर बैदा गांव में एक हफ्ते के अंदर 12 मौतें हुईं हैं. 

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सांकेतिक फ़ोटो
सांकेतिक फ़ोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देवरिया के गांवों में लगातार मौतों से दहशत
  • कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर डरे लोग
  • गांव में जांच करने नहीं पहुंची टीम

कोरोना महामारी का कहर यूपी के देवरिया में भी देखने को मिल रहा है. यहां के गांवों में लगातार हो रही मौतों से लोग खौफजदा हैं. हालत यह है कि गांवों में मरने वालों के घर पर कोई शोक संवेदना तक भी प्रकट करने नहीं जा रहा. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें ठीक ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है और ना ही इतनी मौतों के बाद कोई टीम गांव में अब तक पहुंची है. 

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आपको बता दें कि देवरिया के भागलपुर ब्लॉक के अंडीला गांव में 15 दिन के भीतर 20 मौतें हुईं हैं. लेकिन गांव के अंदर कोई जांच टीम अभी तक नहीं पहुंची है. वहीं रुद्रपुर तहसील के कोडर बैदा गांव में एक हफ्ते के अंदर 12 मौतें हुईं हैं. 

इस गांव में पहुंचे रुद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सुशील कुमार मल्ल ने कहा है कि गांव वालों ने हमें बताया है कि 12 मौतें हुईं हैं. टेस्टिंग का काम किया जा रहा है. लेकिन अंडीला गांव में 20 मौत के बाद भी किसी प्रशासनिक अफसर ने अभी तक दस्तक नहीं दी है. यहां बंद पड़ा वेलनेस सेंटर इस बात की गवाही दे रहा है कि प्रशासन का रवैया कैसा है?

गौरतलब है कि रुद्रपुर तहसील में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां के बैदा गांव में हर तरफ सन्नाटा पसरा है. अंतिम संस्कार के लिए लगातार लोग श्मशान घाट पहुंच रहे हैं. कई बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं की जान गई है. इन मौतों का कारण सर्दी, बुखार, खांसी, सांस फूलना बताया जा रहा है. हालांकि, सभी में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन बिना जांच इसे इनकार करना कहां तक सही होगा.

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ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में न तो इलाज मिला, न ही ऑक्सीजन. गांव के वेलनेस सेंटर पर ताला लटक रहा है. इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उनके किसी मातहत ने फोन उठाया और बताया कि वह डीएम महोदय को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा देंगे. 

वहीं, कोडर बैदा के ग्राम प्रधान रामेश्वर पाल ने कहा कि हमारे गांव में 15 दिन के भीतर 12-13 मौतें हुई हैं. गांव में किसी की हिम्मत नहीं हो पा रही कि वह मृतक के घर जाकर संवेदना प्रकट करे. एक-दो दिन के अंदर खांसी, बुखार, सर्दी जुकाम हुआ और फिर ऑक्सीजन न मिलने के कारण मौतें हो जा रही हैं. जिला अस्पताल लेकर भी गए तो भी वहां पर कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही. 

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