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UP: असिस्टेंट टीचर की नियुक्ति रद्द, 68 हजार भर्तियों की CBI जांच

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गुरुवार को सहायक शिक्षकों के 68 हजार 500 पदों पर भर्ती प्रकिया में सामने आए भ्रष्टाचार के मामले पर भर्ती प्रकिया की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने 26 नवंबर को जांच की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2016 में सहायक अध्‍यापक के 12 हजार 460 पदों पर की गई भर्तियों को नियमविरुद्ध करार देते हुए निरस्‍त कर दिया है. कोर्ट ने एक अन्‍य फैसले में गुरुवार को प्रदेश के प्राइमरी स्‍कूलों में सहायक अध्‍यापकों के 68 हजार 500 खाली पदों पर की गई भर्ती की पूरी प्रक्रिया की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.  

न्‍यायमूर्ति इरशाद अली की पीठ ने सहायक अध्‍यापकों के 12 हजार 460 पदों के मामले में दायर कई याचिकाओं का सामूहिक निस्‍तारण करते हुए यह आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि 21 दिसंबर 2016 को तत्‍कालीन अखिलेश यादव सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर की गई सहायक अध्‍यापकों की भर्ती उत्‍तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 के खिलाफ थी.

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सीबीआई जांच के आदेश

कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह अभ्‍यर्थियों के चयन के लिए नियमों के अनुरूप नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करे. कोर्ट ने इसके लिए राज्‍य सरकार को तीन महीने का समय दिया है. इसी पीठ ने एक अन्‍य फैसले में इस साल 23 जनवरी को जारी विज्ञापन के तहत प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्‍यापकों के 68 हजार 500 पदों पर शुरू की गई पूरी भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच के आदेश दिए.

6 महीने में जांच पूरी करने का आदेश

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी साबित होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में अपनी प्रगति रिपोर्ट 26 नवंबर को पेश करने के आदेश देने के साथ-साथ मामले की जांच छह माह में पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं.

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