अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की बात को उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने गलत बताया है. मामले पर सरकार की ओर से सफाई आई है कि प्रशासन की चिट्ठी में छपाई की गलती की वजह से यह भ्रम फैला. अब इसे सुधार लिया गया है.
दरअसल, यूपी के सचिव सर्वेश चंद्र मिश्र के नाम से एक चिट्ठी जारी की गई थी जिसमें गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाने पर विचार करने के लिए 14 अक्टूर को एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और फैजाबाद के डीएम को बुलाया गया था.
तो BJP का मुद्दा चला जाता चूल्हे में
इस चिट्ठी ने सबको चौंका दिया था, क्योंकि इससे समाजवादी पार्टी के अपने राजनीतिक रुख में बड़ा बदलाव करने के संकेत मिल रहे थे. राम मंदिर हमेशा से बीजेपी का मुद्दा रहा है और इस पर सपा का राजनीतिक स्टैंड बीजेपी से अलग था.
VHP के संकल्प दिवस के मद्देनजर बुलाई गई है बैठक
चिट्ठी के विषय में लिखा था, 'सोमनाथ मंदिर पुनर्निर्माण की ही तरह श्रीरामजन्मभूमि पर भी भारत सरकार संसदीय कानून बनाकर मंदिर निर्माण के संबंध में'
अब सरकार ने साफ किया है कि यह बैठक विश्व हिंदू परिषद के 'संकल्प दिवस' पर हालात की तैयारी के मद्देनजर बुलाई गई है. चिट्ठी में विषय गलत छप गया था.
क्या सरकारी भाषा है 'श्रीराम जन्मभूमि'?
हालांकि, चिट्ठी में बैठक का जो विषय लिखा हुआ है, उससे अचंभा और आशंका दोनों होते हैं. विवादित जमीन के लिए श्रीराम जन्मभूमि शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर संघ परिवार ही करता है. सोमनाथ मंदिर की मिसाल भी बीजेपी और संघ की ओर से ही दी जाती रही है. मंदिर के लिए कानून बनाने की मांग भी संघ परिवार का एजेंडा रहा है.
ऐसे में गलती तो ठीक है, लेकिन यूपी प्रशासन की 'भाषा' कुछ और संदेह भी पैदा करती है. इतने बड़े स्तर पर हुई गलती को यूपी प्रशासन ने अब सुधार लिया है. लेकिन इसने कुछ देर के लिए ही सही, पर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया.
कांग्रेस बोली, वीएचपी चला रही है सपा सरकार
बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने इस घटना को वोट बैंक के लिये कुछ भी कर गुजरने की छटपटाहट करार दिया. उन्होंने कहा, 'इस चिट्ठी से साबित होता है कि राज्य में सांप्रदायिकता का खेल खेल रही सपा वोट बैंक के लिये कुछ भी कर गुजरने को तैयार है.' पाठक ने कहा, 'अगर राज्य का गृह विभाग कहता है कि यह गलती हुई तो इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई और किसके विरुद्ध कार्रवाई हुई. जब पूरा तंत्र ही यह कह चुका है कि उपर के इशारे पर फैसले लिये जाते हैं तो यह गलती किसके इशारे पर थी और क्या संदेश देने के लिये थी.'
कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने पूरे मामले को सपा और वीएचपी की नजदीकी से जोड़ते हुए कहा, 'लोग तमाम आरोप लगाते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार को कई लोग चलाते हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यह भी देखा जा रहा है कि इसे विश्व हिन्दू परिषद भी चला रही है.' उन्होंने कहा, 'चूक एक या दो बार होती है बार-बार नहीं. जिम्मेदार सरकार अगर इतनी बार चूक कर रही है और प्रदेश का माहौल बिगड़ रहा है, जान-माल की क्षति हो रही है तो ऐसी सरकार जनता के लिये दुश्वारी बन गयी है. सरकार के इरादे ठीक नहीं लगते.'