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यूपी: कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाके में बांटी राहत सामग्री, ग्रामीणों ने पक्षपात के लगाए आरोप

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जितने भी गांव हैं, उन सभी गांव में राहत सामग्री के साथ-साथ एनडीआरएफ की टीम पहुंची है और सभी को सुरक्षित पहुंचाया है. सभी के लिए मेडिकल का इंतजाम किया गया है. भोजन और खाना का इंतजाम किया गया है. जिला प्रशासन पहले से ही इस कार्य में लगा हुआ है. 

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बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री का वितरण (फोटो- आजतक)
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री का वितरण (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री का वितरण
  • राहत सामग्री पाने की होड़ में खाने के पैकेट लेकर भागे युवा
  • कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बाढ़ पीड़ितों को दी राहत सामग्री

उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में लगभग 40 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. यह सभी गांव चंबल और यमुना नदी के किनारे बसे हुए हैं. इनमें लगभग एक दर्जन गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से प्रभावित है.

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रविवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और वहां पर बाढ़ से प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित किया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री वितरण होने के बाद, थाना बढ़पुरा क्षेत्र के अंतर्गत बसवारा गांव में कृषि मंत्री के जाने के बाद वहां के ग्रामीण आपस में ही भिड़ गए. एक दूसरे को गाली गलौज करने लगे. वहां तैनात क्षेत्र के लेखपाल को घेर लिया. उस पर पक्षपात के आरोप लगाए. 

ग्राम प्रधान ने यह भी बताया कि बाढ़ से प्रभावित 150 परिवारों में से मात्र 50 लोगों को ही राहत सामग्री दी गई है, जबकि अन्य परिवार भी परेशान हैं. सरकार की तरफ से सभी लोगों को सामग्री नहीं दी गई है. पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है, परेशानी अधिक है. कृषि मंत्री के जाने के बाद वहां खाने के पैकेट की लूट मच गई और युवा खाने के पैकेट लेकर भागने लगे.

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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जितने भी गांव हैं, उन सभी गांव में राहत सामग्री के साथ-साथ एनडीआरएफ की टीम पहुंची है और सभी को सुरक्षित पहुंचाया है. सभी के लिए मेडिकल का इंतजाम किया गया है. भोजन और खाना का इंतजाम किया गया है. जिला प्रशासन पहले से ही इस कार्य में लगा हुआ है. 

इटावा के 40 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें लगभग 10 से 12 गांव अधिक पानी होने की वजह से प्रभावित हुए हैं. उन सभी गांव में कृषि भूमि का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. देवी आपदा में जो भी नुकसान हुआ है उसमें जो सरकार की तरफ से राहत होगी वह दी जाएगी.

और पढ़ें- मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर, अबतक 24 की मौत, 1250 गांव प्रभावित, राहत कार्य में जुटीं टीमें

ग्राम प्रधान सोनवीर सिंह ने बताया कि हमारे बैसवारा गांव में 150 परिवार, पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. संपर्क मार्ग टूटे होने के कारण वहां पर खाने पीने की व्यवस्था भी नहीं है. पीने के पानी की बड़ी किल्लत है. प्रशासन की तरफ से मात्र एक टैंकर पानी की व्यवस्था की गई है, वह भी गांव से पानी पहुंचने के बाद.

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पीड़ित परिवारों तक पीने का पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है. बाढ़ राहत सामग्री में मात्र 50 लोगों को ही पैकेट मिल पाए हैं. अभी भी 100 परिवार वंचित हैं. इन सभी के लिए बहुत कठिनाई है. प्रशासन और सरकार की तरफ से राहत सामग्री की बहुत कम ही उपलब्धता हुई है.

गांव के एक शख्स पवनेश ने बताया कि हम लोगों को मंत्री के सामने बोलने नहीं दिया गया. हमारा पूरा घर बाढ़ में डूब गया है. कोई राहत सामग्री नहीं मिली है. लेखपाल ने हमलोगों को हटा दिया है. हमारा नाम लिखा गया था लेकिन हम लोगों को कुछ नहीं मिला है. सरकार तो देना चाह रही है लेकिन प्रशासन के लोग नहीं देने दे रहे हैं. गांव के ही हरवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि स्थानीय राजनीति की जा रही है. 

पूर्व प्रधान के हिसाब से लोगों को राहत सामग्री दी गई है जबकि सभी के मार्ग बंद हैं. सभी परिवार पीड़ित हैं. इसके बावजूद भी राहत सामग्री नहीं दी जा रही है इसके लिए लेखपाल और जिला प्रशासन जिम्मेदार है.

अमित तिवारी की रिपोर्ट...

 

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