लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद अखिलेश सरकार अब मोदी सरकार की राह पर आगे बढ़ने की तैयारी में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'गुड गवर्नेंस' की तर्ज पर अखिलेश यादव भी राज्य में पब्लिक सर्विस डिलीवरी में सुधार लाने की कवायद में जुट गए हैं. यही नहीं, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए राजस्व विभाग की तरह सूचना तकनीक का प्रयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया है.
प्रदेश सरकार ने बेहतर शासन और चुस्त प्रशासन के लिए इस ओर कई कदम उठाए हैं. इसके लिए अफसर बैठकों के बजाय अब फील्ड में पहुंचेंगे और लोगों का फीडबैक जानेंगे. मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए शासन-प्रशासन के आला अफसरों को निर्देश भेजे हैं. इसमें योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए सूचना तकनीक को अपनाए जाने की बात कही है. मुख्य सचिव ने हकीकत को स्वीकारते हुए कहा है कि शासन व सचिवालय स्तर पर आने वाली शिकायतों की बेहतर तरीके से सुनवाई हो, ऐसा कोई सिस्टम नहीं है.
आलोक रंजन ने अफसरों को एक हफ्ते में सिस्टम डवलप करने को कहा है, वहीं सरकारी उपलब्धियों को बताने के लिए विभागों में नोडल अधिकारी नामित होंगे और नीति निर्धारण प्रकोष्ठ के गठन की बात भी कही गई है. आमजन के फीडबैक और सुझाव हासिल करने के लिए विभागाध्यक्षों को लेटर बॉक्स लगाने को कहा गया है.