उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल महज चंद महीने शेष बचा है लेकिन चुनावी रंग के साथ ही विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के चुनाव को लेकर सियासी तापमान भी बढ़ने लगा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए सपा के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव जीत कर आए विधायक नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया है. सीएम योगी सपा से जीतकर आए नितिन को विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनवाएंगे.
नितिन के नामांकन में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे. सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के लिए रिजर्व होता है. उन्होंने कहा कि हमने सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को प्रत्याशी बनाया. विपक्षी दल प्रत्याशी नहीं दे पाया. सबसे बड़े विपक्षी दल से प्रत्याशी आए और उन्हीं को हमने प्रत्याशी माना.
यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का चुनाव कल यानी 18 अक्टूबर को होगा. सरकार ने डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए छह घंटे का विशेष सत्र बुलाया है. ऐसे समय में जब विधानसभा का कार्यकाल महज कुछ माह ही बचा है, बीजेपी ने हरदोई सदर विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर के लिए उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को सपा बनाम सपा बना दिया है.
गौरतलब है कि नितिन अग्रवाल सात बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. नितिन साल 2017 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़े थे और विजयी हुए थे. बाद में सपा से मोह भंग होने के बाद पिता-पुत्र बीजेपी के खेमे में हैं. हरदोई से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नितिन अग्रवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक और पुणे से एमबीए की डिग्री ली. 2007 में नरेश अग्रवाल के सपा से इस्तीफा देने के बाद 2008 के उपचुनाव में नितिन अग्रवाल बसपा के टिकट पर हरदोई सीट से पहली बार मैदान में उतरे और विजयी रहे.
नितिन अग्रवाल इसके बाद पिता के साथ सपा में शामिल हो गए और 2012 का चुनाव सपा से लड़ा और जीते भी. सपा सरकार में उन्हें स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बाद में लघु उद्योग विकास में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री भी बनाया गया. नितिन ने सपा के टिकट पर साल 2017 का चुनाव करीबी अंतर से जीता. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नितिन के पिता नरेश अग्रवाल को सपा ने राज्यसभा का टिकट नहीं दिया जिसके बाद 2018 आते-आते पिता बीजेपी में शामिल हो गए थे.