उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी दिल्ली में मंथन कर रही है. सूबे के पार्टी सांसदों की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन गुरुवार को अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के 44 सांसद हिस्सा लेंगे जबकि बुधवार को बैठक में 39 से ज्यादा सांसद शामिल हुए थे. इसमें साल 2022 की चुनावी जंग को फतह करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया और साथ ही सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, पिछले दिनों मोदी सरकार में यूपी कोटे से बने मंत्रियों को चार से पांच संसदीय क्षेत्रों के गांव-गांव जाकर माहौल बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के साथ जिस तरह से मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश के सांसदों को तवज्जो दी है, उसका संदेश पार्टी अब जनता के बीच पहुंचाना चाहती है. यह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में बैठक कर नए केंद्रीय मंत्रियों को अपने संसदीय क्षेत्र सहित दो से तीन लोकसभा क्षेत्रों के गांवों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालने के लिए कहा है.
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने सभी सांसदों को सक्रिय करने की रूपरेखा बना रही है. इसे लेकर ही बुधवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने यूपी के ब्रज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी शामिल हुए.
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को यूपी के सांसदों के संग पहले दिन की बैठक में योगी सरकार के कामकाज के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की. बुधवार को कार्यक्रम की मेजबानी केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने की. इसके अलावा बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राम शक्ल, फिरोजाबाद सांसद डॉ चंद्रसेन जादौन, सांसद विजय पाल सिंह तोमर, नोएडा से सांसद महेश शर्मा, फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत और कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक सहित करीब 39 सांसद पहुंचे थे.
उत्तर प्रदेश के जिन सांसदों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है, उन्हें संसद के मॉनसून सत्र के बाद अपने संसदीय क्षेत्र के साथ ही कम से कम से कम तीन से चौर लोकसभा क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालनी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में सात नए मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें तीन अनुसूचित जाति, तीन पिछड़ा वर्ग और एक सवर्ण समाज से हैं.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित यूपी से 9 मंत्री पहले से हैं और अब विस्तार के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 16 पर पहुंच गया है. इस तरह पीएम मोदी को छोड़कर अब छह सवर्ण, छह पिछड़ा वर्ग और तीन अनुसूचित जाति से मंत्री हो गए हैं. सूबे में 80 लोकसभा सीटें और 75 जिले हैं. ऐसे में मोदी सरकार के एक मंत्री आसानी से पांच जिलों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कमान संभाल सकते हैं.
मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को आशीर्वाद यात्रा के जरिए पार्टी इनसे जुड़े समाज-वर्ग को फिर याद दिलाना चाहती है कि वह बीजेपी सरकार की प्राथमिकता में है. यह प्रयास भावनात्मक रूप से समाज को मजबूती से जोड़ने का माना जा रहा है. इसके अलावा सभी सांसदों से कहा गया है कि कोरोना टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदारी करें. वैक्सीन सेंटरों पर जाएं और खास तौर पर क्षेत्र की जनता को दूसरी डोज के लिए प्रेरित करें.
बीजेपी सांसदों से कहा गया कि वह गांव-गांव तक जाएं और केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएं. सूत्रों के अनुसार सांसदों से अपने अपने क्षेत्र का फीडबैक देने को भी कहा गया है और बोर्ड एवं कमीशन के चेयरमैन की नियुक्ति के लिए उनके सुझाव भी मांगे गए हैं.
यूपी बीजेपी सांसदों की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रभारी राधामोहन सिंह मौजूद रहेंगे. कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी गुरुवार को सीएम योगी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक भी करेंगे.