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यूपी मिशन-2022: पार्टी नेताओं के बाद अब वर्कर्स को मनाएंगे योगी, वापस लिए जाएंगे केस

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी संजीदा हो गई है. ऐसे में बीजेपी और संघ के दिग्गज नेताओं ने अब पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी और मन मुटाव दूर करने की पहल की है. बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के दिल्ली वापसी के बाद ही पार्टी कार्यकर्ताओं को साधने के फार्मूले को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हो गया है. 

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बीजेपी समनव्य बैठक
बीजेपी समनव्य बैठक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी यूपी 2022 चुनावी जंग फतह करने में जुटी
  • योगी और केशव के बीच मिट गई सियासी दूरियां
  • बीजेपी कार्यकर्ताओं के मुकदमें वापस लेगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बीच दूरियां मिटाने की पटकथा लिखने वाले बीजेपी और संघ के दिग्गज नेताओं ने अब पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी और मन मुटाव दूर करने की पहल की है. बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के दिल्ली वापसी के बाद ही पार्टी कार्यकर्ताओं को साधने के फार्मूले को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हो गया है. 

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सूत्रों की मानें तो 22 जून यानि मंगलवार को लखनऊ बीजेपी कार्यालय पर हुई सरकार और और संगठन के समन्वय बैठक में कई पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने सरकार और संगठन के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं का दर्द बयां किया. इस दौरान कहा गया कि काम न होने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है.

इतना ही नहीं पार्टी के पुराने कार्यकर्ता जिनके ऊपर सपा और बसपा सरकार में मुकदमें दर्ज हुए वो अब तक वापस भी नही लिए गए. इस बीच कई मंत्रियों ने नौकरशाही के हावी होने का मुद्दा भी उठाया. जिसे बीजेपी के केंद्रीय लीडरशिप ने संजीदगी से लिया.

समन्वय बैठक से मिले फीडबैक के आधार पर संगठन में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कवायत शुरू हो गई है. निगम,आयोग, बोर्ड और समितियों में नियुक्तियों के साथ कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने की कार्यवाई भी शुरू की जा रही है. 

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वहीं, समनव्य बैठक में मंत्रियों से अपने अपने क्षेत्रों और प्रभार वाले जिलों में जाकर प्रवास पर कार्यकर्ताओं से संवाद कर उनकी नाराजगी दूर करने की जिम्मदारी सौंपी गई है. बीएल संतोष ने साफ तौर पर कहा था कि सब कुछ सरकार करेगी तो कैसे होगा..? आप लोग भी सक्रिय होकर चुनाव में जुटें और सरकार के काम को जनता के बीच ले जाए. सरकार की सरकार की उपलब्धियों कोअच्छे तरीके से जनता तक पहुंचाना भी होगा.

सूत्रों की माने तो बीएल संतोष ने अपने संबोधन में कहा है कि अब खामियां गिनवाने और नाराज होने का वक्त नही है चुनाव में एकजुट होकर कार्य करने का वक्त है. हांलाकि, इस बीच समन्वय बैठक में शामिल हुए चार पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को भी उनके अनुभव के आधार पर विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत दिए गए ताकि वो पार्टी में उपेक्षित महसूस न कर सके. 

संघ के पदाधिकारी और भाजपा के शीर्ष नेता काफी समय से इस कोशिश में थे कि योगी आदित्यनाथ और केशव मोर्य एक साथ दिखे ताकि कार्यकर्ताओं के जहन में चल रही गलतफहमियां दूर हो सके. इस बीच जब 21 जून को सीएम योगी के आवास पर कोर ग्रुप की बैठक में सीएम योगी समेत तमाम नेताओं ने केशव मौर्य को फोन कर बेटे के शादी की बधाई दी तो केशव मौर्य ने उन्हे भोजन पर आमंत्रित कर लिया, जिसने सवा चार साल की दूरियों को पाटने का काम किया.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और क्षेत्र प्रचारक अनिल सिंह समेत कुछ और पदाधिकारी मंगलवार को दोपहर डिप्टीसीएम केशव मौर्य के सात कालीदास मार्ग आवास पर भोज के लिए पहुंचे थे.

केशव मौर्य ने अपने आवास पर आए सीएम और संघ नेताओं सहित सभी अतिथियों का खूब स्वागत सत्कार किया. केशव मौर्य ने संघ के नेताओं को सफेद अंगवस्त्र और योगी आदित्यनाथ को भगवा अंगवस्त्र दिए और शुद्ध शाकाहारी भोजन कराया दिया. इसके बाद तस्वीरों में 2022 के चुनाव से पहले बीजेपी में 'आल इज वैल' का संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 

 

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