यूपी विधानसभा में बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ. बजट सत्र के दौरान डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भड़क गए. सपा के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछली सरकार की समाजवादी सरकार सड़क किसने बनवाई, एक्सप्रेसवे किसने बनवाया करती रहती है. लेकिन ये यह बताएं कि क्या यह पैसा वो सैफई की जमीन बेच कर लाए थे. यह सब सरकार का ही पैसा था.
इस पर गुस्साए अखिलेश ने तल्ख तेवर में जवाब दिया कि क्या तुम पिता जी से पैसा लेकर आए? उन्होंने आगे कहा कि केशव मोर्य दूसरों की चिंता करते रहे, इसलिए अपना चुनाव हार गए. इस घमासान के बाद सीएम योगी ने जवाब दिया. सीएम योगी ने कहा कि सदन में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल सही नहीं है.
सीएम ने कहा एक घंटे से अधिक पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष को शांति से सुनता रहा. सदन में सरकार के उपमुख्यमंत्री बात रख रहे हैं तो ये रनिंग कमेंट्री का क्या मतलब...? एक सम्मानित नेता के प्रति इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है. सरकार विकास कार्य कराती है, उसे उस उपलब्धि को कहने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा गरिमापूर्ण नहीं होती. जिस तरह से आचरण करेंगे, उसका जवाब मिलना तय है. सहमति-असहमति हो सकती है, लेकिन असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष की भी बहुत सारी बातें जिस पर आपत्ति कर सकते हैं, लेकिन इस सदन की गरिमा को हमने बरकरार रखा.
बता दें कि योगी सरकार 2.0 का यह पहला बजट सत्र है. 6 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में सरकार 26 मई को अपना बड़ा बजट पेश करेगी. बताया जा रहा है कि यह बजट 6.5 लाख करोड़ का होगा.