योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पूरी यूपी विधानसभा पहले से ज़्यादा 'स्मार्ट' नजर आएगी. इस बार यूपी विधानसभा Hi Tech नज़र आएगी. विधानभवन मंडप में सभी विधायकों की सीट न सिर्फ निर्धारित होगी बल्कि सीट के साथ लगे मेज पर टैबलेट भी लगा होगा. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान उसी टैबलेट से देख कर सवाल करने होंगे. उसी में आप जरूरी निर्देशों और कार्यवाही के जरूरी हिस्सों को देख पाएंगे.
23 मई से शुरू होने वाली यूपी विधानसभा इस बार हाईटेक नजर आएगी. विधानभवन के मुख्य मंडप में हर मंत्री और विधायक की सीट अब निर्धारित होगी. विधायकों को उसी सीट पर बैठना होगा. अपनी सीट से ही विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे. विपक्षी पार्टियों के विधायक अपनी सीट से सवाल कर सकेंगे जबकि मंत्रियों को निर्धारित सीट से ही सवालों के जवाब देने होंगे. E-विधान के तहत ये व्यवस्था की जा रही है.
दरअसल, यूपी विधानसभा को हाईटेक बनाने के लिए की गई ये पहल बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि नागालैंड की एसेंबली और बिहार की काउन्सिल यानी उच्च सदन में e-vidhan है, लेकिन यूपी विधानसभा की संख्या को देखते हुए ये बहुत अहम है. यूपी विधानसभा में 403 सदस्य हैं और विधानपरिषद सदस्य भी मंत्री के तौर पर विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होते हैं.
ऐसे में सभी के लिए डिजिटल माध्यम की व्यवस्था करना न सिर्फ़ एक बड़ा कदम है बल्कि अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने वाले विधायकों को टैबलेट के जरिए सदन में शामिल करने में भी चुनौती है. इसीलिए इस बार टैबलैट के जरिए कार्यवाही में शामिल करने के साथ हर निर्देश, सवाल और जवाब की हार्ड कॉपी भी विधायकों को पहले की तरह ही मुहैया करायी जाएगी.
E-विधान के तहत सब कुछ डिजिटल माध्यम से होगा. अपनी सीट से ही मंत्री, विधायक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे. हर सीट से लगे मेज़ पर टैबलेट लगाया जाएगा, जिसमें निर्धारित सीट के विधायक का login -password ही काम करेगा.
अगर सदन की कार्यवाही के बीच में कोई अपनी सीट से दूसरी सीट पर जाकर बैठते हैं और कुछ बोलते हैं तो जिस विधायक के लिए निर्धारित सीट पर बैठे हैं उसी विधायक का नाम शो होगा. विधान भवन में इसके लिए कंट्रोल रूम भी होगा, जो डिजिटली इस पूरी प्रकिया को नियंत्रित करेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले कार्यकाल में ही टैबलेट से देखकर सवाल और डिजिटल माध्यम को बढ़ावा देने के निर्देश मंत्रियों को दिए थे. पिछले कार्यकाल में ही जहां कैबिनेट की बैठक को Paperless किया गया था, वहीं यूपी सरकार ने पेपरलेस बजट पेश करने की ओर भी कदम बढ़ाया था.
विधायकों की न सिर्फ ट्रेनिंग करायी गयी थी बल्कि उनको टैबलेट भी दिया गया था. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना खुद टेक्नोलॉजी के अभ्यस्त हैं. विधायकों के सीट निर्धारण और अन्य बातों को तय करने के लिए सभी दलों के साथ इसपर चर्चा की जाएगी.