संगठित अपराध पर लगाम लगाने के लिए लाए गए यूपीकोका बिल को यूपी विधानसभा की मंजूरी मिल गई है. अब ये कानून मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. योगी सरकार ने मंगलवार को चार महीने के बाद दूसरी बार यूपीकोका बिल को विधानसभा में पेश किया और पारित करा लिया. इससे पहले इस बिल को योगी सरकार ने विधानसभा से पास कराया था, लेकिन विधान परिषद में बीजेपी के पास बहुमत न होने के चलते पास नहीं हो सका था. इस बार इसे विधान परिषद में भेजने की जरूरत नहीं है.
संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) बिल पिछले साल 21 दिसंबर को भी विधानसभा से पास हो गया था. जिसके बाद बिल को विधान परिषद भेजा गया. लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था. वहां से लौटने के बाद बीते 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था. लिहाजा अब प्रक्रिया के तहत इसे फिर से विधानसभा में पेश किया जा रहा है.
सरकार का दावा है कि इस कानून के आने से अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जबरन कब्जे, वेश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे संगठित अपराधों पर लगाम लेगी.
बता दें कि इस तरह का कानून सबसे महाराष्ट्र में लागू किया गया है. हालांकि, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की तर्ज पर लाए जा रहे इस कानून का विपक्षी सपा और बसपा विरोध करती रही है. ऐसे में कुछ बदलाव के साथ एक बार फिर योगी सरकार विधानसभा में यूपीकोका बिल पेश करेगी.