बहराइच जिले में मुस्लिम बहुल सराय जगना गांव में हिन्दू समुदाय के तीन भाइयों ने ग्राम प्रधान की प्रताड़ना से आजिज आकर गांव से पलायन करने का मन बना लिया है. ये तीनों भाई अपनी जमीन व मकान की बिक्री के लिए 'मकान व जमीन बिकाऊ है' का पोस्टर लगाकर बैठे हैं. हालांकि इस मामले में प्रशासन की अपनी अलग दलील है.
कैसरगंज के तहसीलदार शिव प्रसाद का कहना है कि भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी की टंकी का ग्राम पंचायतों में निर्माण कराया जा रहा है, सराय जगना गांव के राम धीरज पाल के घर के सामने खाली पड़ी बंजर भूमि का सीमांकन किया गया था, रामधीरज को आशंका थी उनका रास्ता बंद हो जाएगा.'
तहसीलदार शिव प्रसाद ने बताया कि राम धीरज पाल को आश्वासन दिया गया था कि उनको रास्ता दे दिया जाएगा, पलायन की खबर निराधार है गांव में राजस्व टीम के द्वारा अन्य जमीनों का सीमांकन कराया जा रहा है, अगर कहीं अन्यत्र जमीन मिलती है तो वहां पर टंकी का निर्माण कर दिया जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
बहराइच जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत फखरपुर थाना क्षेत्र के सराय जगना गांव में वजीरगंज जैतापुर लिंक मार्ग के किनारे अपनी जमीन में घर बनाकर रह रहे राम धीरज पाल व उनके भाई देश राज पाल ने जमीन व घर को बेचने के लिए घर पर 'बिकाऊ है' की पट्टी टांग दी है. उनका कहना है कि मुस्लिम बहुल इस गांव में वो अल्पसंख्यक की भूमिका में हैं.
उनका आरोप है कि यहां के ग्राम प्रधान फ़ारूक़ खां ने उनको उजाड़ने के लिए उनके घर के सामने पड़ी बंजर भूमि पर सरकारी पानी की टंकी बनाने की बात कही है, अब उनको आशंका है कि अगर उनके घर के सामने पानी की टंकी बन गई तो उनका रास्ता बंद हो जायेगा, बस इसी आशंका के बाद उन्होंने अपने घरों पर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगा दिए.
राम धीरज के मुताबिक, इस गांव में मुस्लिमों की आबादी सर्वाधिक है और उनकी संख्या बहुत कम है इसलिए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, इस बात से पीड़ित होकर वे लोग घर जमीन बेचना चाहते हैं, अब उनको विश्वास है कि उसकी समस्या का बाबा (सीएम) समाधान करेंगे या स्वयं आकर उसका घर व जमीन खरीद लें.