सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी और डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर के बाद बीजेपी के लिए जवाहर लाल नेहरू आदर्श नेता हो गए हैं? यह सवाल इसलिए, क्योंकि आम तौर पर अपने मंचों से नेहरू-गांधी परिवार की आलोचना करने वाली बीजेपी के पोस्टर में इन दिनों देश के पहले प्रधानमंत्री को प्रमुखता से जगह दी गई है.
दरअसल, बाराबंकी में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह की उपस्थिति में तिरंगा यात्रा के लिए जो पोस्टर लगाए, उनमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री को प्रमुखता से जगह दी गई है. दिलचस्प बात यह है कि जिस श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बीजेपी अपना आदर्श मानती है, जिनके नाम के नारे (जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है) लगाती है, उस श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पोस्टर पर कहीं जगह नहीं दी गई है.
'जब जब तिरंगे की बात होगी, कांग्रेसी ही याद आएंगे'
बहरहाल, बीजेपी के इस पोस्टर पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली है. पार्टी ने कहा, 'लड़ाई में जब इनके नेताओं का कोई योगदान ही नहीं रहा, तो इनकी मजबूरी है कि यह कांग्रेस के नेताओं के चित्र लगाए. कांग्रेस नेता और प्रवक्ता पीएन पुनिया ने कहा, 'इनके आदर्श नेता वीर सावरकर तो अंग्रेजों की मदद कर रहे थे. जब जब तिरंगा और स्वतंत्रता की बात की जाएगी, तब तब कांग्रेसी नेता ही याद आएंगे.
सवाल टाल गए बीजेपी के नेता
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल को टालने वाले अंदाज में कहा, 'आजादी की लड़ाई में बहुत से लोगों का योगदान रहा है.' बाराबंकी से बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'संसद के सेंट्रल हॉल में भी नेहरूजी का भव्य चित्र लगा हुआ है.'
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पीएन पुनिया ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, 'बीजेपी के पास तिरंगा यात्रा के लिए आदर्श नेता हैं ही नहीं. इनके आदर्श नेता सावरकरजी तो अंग्रेजों की मदद कर रहे थे. इसलिए इनकी मजबूरी है कि यह कांग्रेस के नेताओं के चित्र लगाएं.'