उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर इस बार महिला प्रत्याशी का कब्जा होगा. इस पिछड़ा वर्ग सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपना-अपना प्रत्याशी महिला उम्मीदवारों को ही बनाया है.
जिले में कुल 58 जिला पंचायत सदस्य हैं, जिसमें जीत के लिए 29 सदस्यों के वोट की जरूरत है. दोनों पार्टियां वोटों के जोड़-तोड़ में लग गई हैं. साथ ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपण के साथ सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. सपा ने जिला प्रशासन पर बीजेपी के पक्ष में सदस्यों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
बीजेपी ने पूर्व विधायक को उतारा
बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पूर्व विधायक राजरानी रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है तो समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर नेहा आनंद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. नेहा आनंद शिक्षित होने के साथ राजनीति में नया चेहरा हैं. पार्टी ने युवा होने के नाते नेहा पर भरोसा किया और 4 बार के सांसद तथा विधायक रहे राम सागर रावत का टिकट काट दिया है.
उम्मीदवार की घोषणा के वक्त आज शुक्रवार को सपा जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज के साथ सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप, राकेश वर्मा, एमएलसी राजेश यादव और एमएलए गौरव रावत मौजूद थे.
सपा ने जिला प्रशासन पर लगाए आरोप
इस बीच सपा प्रत्याशी ने जिला प्रशासन पर बीजेपी प्रत्याशी को जीताने के लिए सदस्यों पर दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाए हैं.
आपको बता दे कि जिले में सपा के जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 15 है. साथ ही पार्टी को ज्यादातर निर्दलीयों का भी समर्थन प्राप्त है, लेकिन पार्टी में आपसी मनमुटाव का फायदा बीजेपी को हो सकता है.
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तो वहीं बीजेपी के 12 ही सदस्य हैं, लेकिन चुनावी मैनेजमेंट ठीक चल रहा है. बीजेपी सांसद और चारों विधायक राजरानी रावत को जीत दिलाने के लिए जोर लगाए हुए हैं. वे सभी सदस्यों से संपर्क में हैं. पूर्व विधायक राजरानी रावत को जिले की राजनीति का लंबा अनुभव भी है.
सपा की प्रत्याशी नेहा आनंद ने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों पर जो प्रशासनिक दबाव बनाया जा रहा है, उसे सभी सदस्य झेलने के लिए तैयार हैं. आज मुझे समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है और मैं शिक्षित हूं. शिक्षित प्रत्याशी हर दबाव को झेलने के लिए सक्षम होता है. मेरे संपर्क में करीब 35 से 40 जिला पंचायत सदस्य हैं और इस सीट पर सपा का परचम लहराएगा.
अब देखना यह है कि आज शनिवार को नामांकन के बाद 3 जुलाई को मतदान में किसका पलड़ा भारी रहता है. ये तो उसी दिन ही पता चलेगा, फिलहाल सपा का पलड़ा भारी दिख रहा है.