उत्तर प्रदेश में 'मोदीमय' माहौल बनाने के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस लिया है. राज्य के संत कबीर नगर जिले से गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के चुनाव अभियान की शुरुआत भी कर दी है. पार्टी ने हर महीने प्रदेश में कम से कम मोदी की एक रैली कराने की तैयारी कर रही है, ताकि विपक्षी दलों द्वारा बनाए जा रहा महागठबंधन को धराशायी किया जा सके और 2014 जैसे नतीजे एक बार दोहराया जा सके.
बीजेपी यूपी में हर महीने पीएम नरेंद्र मोदी की एक रैली कराने की तैयारी में जुट गई है. संत कबीर नगर के बाद अगली रैली सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में होगी. ये रैली अगले महीने जुलाई में होगी.
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी की ज्यादा से ज्यादा रैलियां कराना चाहती है. अभी तारीखों पर आखिरी फैसला नहीं हुआ है. हालांकि जल्द ही सब कुछ तय हो जाएगा.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी गठबंधन ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटें जीतने में सफल रही है. कांग्रेस को 2 सीटें और सपा को 5 सीटें मिली थी. जबकि बसपा और आरएलडी खाता भी नहीं खोल सकी थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था.
हालांकि फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा उपचुनाव में सपा-बसपा के साथ आने से बीजेपी का समीकरण बिगड़ा है. इसी का नतीजा है कि तीनों सीटों पर बीजेपी को करारी मात खानी पड़ी है. ऐसे में 2019 में मोदी को मात देने के लिए विपक्ष एकजुट होकर मैदान में उतरता है, तो बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
बीजेपी ने विपक्ष की एकता को मात देने और 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए अपने सबसे बड़े और करिश्माई चेहरे पर भरोसा जताया है. पार्टी इसी मद्देनजर पीएम मोदी की ज्यादा से ज्यादा रैलियां प्रदेश में कराने की योजना बना रही है. पार्टी नेताओं के लगता है कि मोदी की रैलियों के जरिए ही महागठबंधन को मात दिया जा सकता है. इसके अलावा कोई दूसरा कार्ड नहीं है, जिसके दम पर 2019 की जंग फतह की जा सके.