कोरोना संकट के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर अब बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन मजूबत करने में जुट गई है. उत्तर प्रदेश के बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह बरेली, मुज्जफरनगर, सहारनपुर, शामली के दौरे पर गए. उन्होंने यहां कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की और जाट समुदाय में पंचायत चुनाव के दौरान खोई हुई जमीन को वापस लाने के लिए विश्वास जगाने की कोशिश की.
हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.बीजेपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हार का सामना करना पड़ा. पश्चिम यूपी के 14 जिलों के पंचायत चुनाव में बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन सपा और बसपा के भी आंकड़े लगभग बराबर ही थे.
सूत्रों की मानें तो पार्टी को मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर गावों में पार्टी के नेता अपनी जमीन बचाने में सफल नहीं रहे थे, साथ ही साथ बूथ मैनेजमेंट और लोगों के बीच समन्वय बनाने में असफल रहे थे. किसान आंदोलन के बाद कांग्रेस, सपा और आरएलडी ने नई राजनीतिक जमीन तैयार की. जबकि भाजपा किसानों का विश्वास जीतने में असफल होती नजर आई. अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी गहरी पकड़ का संदेश देना चाहती है तो पार्टी को जाट समर्थन और किसानों का विश्वास फिर से जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
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स्वतंत्र देव सिंह अपने दौरे के दौरान कोरोना में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर जा रहे हैं और संवेदना प्रकट कर रहे हैं. साथ ही साथ वो परिजनों को मदद का भरोसा भी दिला रहे हैं. सिंह केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के आवास पर आए यहां भी उन्होंने पार्टी के दिवंगत जिला पंचायत सदस्य को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सहारनपुर में उत्तर प्रदेश के दिवंगत मंत्री विजय कश्यप के आवास पर भी श्रद्धांजलि दी.
अपने तीन दिवसीय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे को लेकर स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उन्होंने कोरोना संकट के दौरान मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं के घर गए. उन्होंने कहा कि पार्टी इन लोगों के परिवार का ध्यान रखेगी और देखते हैं कि भविष्य में इन लोगों के लिए क्या किया जा सकता है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दौरा कर सिंह ने सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं को लेकर ही संदेश नहीं दिया. उनका मकसद यह भी जताना था कि पार्टी किसानों और जाट समुदाय के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है. बीजेपी साल 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में जाटों के समर्थन की बदौलत अच्छी संख्या में सीटें जीतने में कामयाब रही थी. लेकिन कोरोना के कुप्रबंधन और हाल के पंचायत चुनाव के नतीजों से लगता है कि पार्टी यहां अपनी जमीन खो रही है.
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इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष जाट और किसानों का समर्थन पाने का सपना देख रहा है. बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन किया है और किसानों को मोदी सरकार में लाभ मिला है. बीजेपी को किसानों का हमेशा समर्थन मिलता रहेगा.
वही विपक्ष ने स्वतंत्र देव सिंह के इस दौरे को असफल बताया है.सपा नेता अनुराग भदौरिया ने कहा कि बीजेपी नेता का यह दौरा लोगों के साथ खड़े रहने के लिए कम अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए ज्यादा था.बीजेपी आपदा में अवसर तलाश रही है उसे लोगों को मुद्दों से मतलब नहीं है. आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि बीजेपी का ध्यान पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर है. उन्होंने कहा कि सिंह स्थानीय नेताओं को प्रभावित कर चुनाव के नतीजे गलत तरीकों से पार्टी के पक्ष में कराना चाहते हैं.