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यूपी: बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में देर से पहुंचे माननीय, सीट पर खड़े होने की मिली सजा!

भरी मीटिंग में इस तरह की बात सुनते ही विधायक और मंत्री झेंपते नजर आए. यहां तक की सीएम योगी भी मंच पर बैठे हुए असहज दिखाई दिए. वह अपने हाथों से विधायकों और मंत्रियों को बैठने का इशारा करते रहे. लेकिन तब तक अध्यक्ष तीन से चार बार मंत्री-विधायकों को खड़े होने के लिए कह चुके थे. 

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उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में देर से पहुंचे विधायक
  • प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दिखाई सख्ती
  • विधायकों को सीट पर खड़े होने को कहा

यूपी विधानसभा सत्र के पहले बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में बजट सत्र के पहले के एजेंडे पर चर्चा हुई, जो तकरीबन एक घंटे तक चली. लेकिन बजट पर चर्चा से ज्यादा इस बात की चर्चा रही कि आखिर मीटिंग के भीतर क्या हुआ? खबर है कि विधानमंडल दल की बैठक में कुछ बीजेपी के विधायक और मंत्री देर से पहुंचे तो उन्हें सीट पर खड़े होने की सजा सुनाई गई. 

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सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को हुई बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में कई विधायक और मंत्री देर से पहुंचे. करीब दर्जन भर से ज्यादा विधायक, सीएम योगी आदित्यनाथ के आने के बाद आये. यह देख बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने ऐसे नेताओं को अपनी सीट पर ही खड़े हो जाने को कहा. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सीएम के आने के बाद जो भी माननीय सदस्य इस विधानमंडल दल की मीटिंग में आए हैं, वह अपनी-अपनी सीट पर खड़े हो जाएं और उसके बाद बैठे. 

भरी मीटिंग में इस तरह की बात सुनते ही विधायक और मंत्री झेंपते नजर आए. यहां तक की सीएम योगी भी मंच पर बैठे हुए असहज दिखाई दिए. वह अपने हाथों से विधायकों और मंत्रियों को बैठने का इशारा करते रहे. लेकिन तब तक अध्यक्ष तीन से चार बार मंत्री-विधायकों को खड़े होने के लिए कह चुके थे. 

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जब अध्यक्ष ने मंच से बार-बार खड़े होने की बात कई बार दोहराई तो दर्जन भर से ज्यादा विधायक भारी मन से खड़े हो गए. सूत्रों के मुताबिक, पूर्वांचल से आने वाले एक वरिष्ठ मंत्री भी देर से आए थे और खड़े होने की बात पर वह भी बेहद ही असहज थे. हालांकि, यह सब कुछ एक मिनट के भीतर खत्म हो गया. लेकिन विधायकों और मंत्रियों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा कि स्कूल में देर से आने वाले बच्चों की तरह आज उनके साथ सलूक किया गया. 

अनौपचारिक बातचीत में कई मंत्री और विधायक इस बैठक में इस तरह की बात से काफी नाराज नजर आए, लेकिन किसी ने इस बारे में बात करना सही नहीं समझा. हालांकि, कुछ विधायकों ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अपनी बैठक एक गुरु की तरह लेते हैं और शायद यही वजह है कि उनका व्यवहार एक गुरु सरीखा ही होता है. 

यह बैठक बुधवार को बीजेपी ने अपने दोनों सदनों के विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की लोकभवन में बुलाई थी. जहां गुरुवार से शुरू हो रहे बजट सत्र को लेकर तैयारियों पर चर्चा हुई. 


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